कौन हैं जमीर अब्दुल्ला
आपको बता दूं उमर अब्दुल्ला के दो बेटे हैं – जामिर अब्दुल्ला (Zamir Abdullah) और जाहिर अब्दुल्ला (Zahir Abdullah) । जमीर अब्दुल्ला उमर अब्दुल्ला के बड़े बेटे हैं। जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव में जमीर अब्दुल्ला ने राजनीतिक अभियानों में भाग लिया था और उमर अब्दुल्ला के लिए भी प्रचार किया था। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के अनुसार जमीर अब्दुल्ला वकील भी है। उन्होंने अपने एक्स अकाउंट पर क्रिमिनल लॉयर लिख रखा है। हालांकि जमीर अब्दुल्ला ने अब्दुल्ला ने अब तक कोई चुनाव नहीं लड़ा है लेकिन वह अक्सर राजनीतिक टिप्पणियां करते हुए पाए जाते हैं। इससे यह पता चलता है कि वह राजनीति में रुचि रखते हैं। जम्मू कश्मीर की जनता भी उन्हें पसंद करती है और उन्हें कश्मीर का नया विश्वसनीय चेहरा भी बताती है।
‘राज्य का दर्जा कोई मुद्दा नहीं, लोकतांत्रिक अधिकार है’
जमीर ने कहा कि आज जम्मू कश्मीर के लोगों ने केंद्र (मरकज) की बीजेपी सरकार (Modi Government) को जवाब दिया। हमारे लिए, बेरोजगारी हद से ज्यादा, बिजली हद से ज्यादा… जैसे कई मुद्दे हैं। राज्य (Statehood restoration of Jammu and Kashmir) का दर्जा कोई मुद्दा नहीं है बल्कि लोकतंत्र की तरह हमारा अधिकार है। हम निश्चित रूप से राज्य के दर्जे के लिए अदालत जाएंगे। हम इसे एक आंदोलन भी बनाएंगे। हम राज्य के बिना कुछ भी नहीं हैं।
मोदी सरकार पर लगाया ये आरोप
जमीर अब्दुल्ला ने केंद्र की मोदी सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 2019 में क्या किया गया? उन्होंने हमारे लिए कुछ भी नहीं छोड़ा। वे एलजी को यहां लाए जो यहां के नहीं हैं लेकिन उन्हें यहां का राजा बना दिया गया। अब हमारे पास जनादेश है। हम जम्मू-कश्मीर की सरकार हैं।
उमर अब्दुल्ला ने अनुच्छेद 370 पर कही ये बड़ी बात
अनुच्छेद 370 के बारे में पूछे जाने पर जेकेएनसी के उपाध्यक्ष और नवनिर्वाचित विधायक उमर अब्दुल्ला ने राज्य का दर्जा बहाल (Restoration of Statehood of JK) करने पर अपनी राय व्यक्त करते हुए कहा, “हमारा राजनीतिक रुख नहीं बदलेगा। हमने कभी नहीं कहा कि हम अनुच्छेद 370 (Article 370) के मुद्दे पर चुप रहेंगे या यह हमारे लिए कोई मुद्दा नहीं है। उमर अब्दुल्ला ने कहा कि हम लोगों को मूर्ख बनाना नहीं चाहते हैं। मैंने हमेशा कहा है कि जिन लोगों ने अनुच्छेद 370 Article 370 को हटाया, उनसे इसे वापस पाने की उम्मीद करना मूर्खता है। लेकिन हम इस मुद्दे को जीवित रखेंगे उम्मीद है कि एक दिन सरकार बदलेगी, प्रधानमंत्री बदलेंगे और एक ऐसी सरकार आएगी जिसके साथ हम इस मुद्दे पर बात कर सकेंगे और जम्मू-कश्मीर के लिए कुछ हासिल कर सकेंगे।