एनपीएस योगदान में ये हुए बदलाव…
सस्पेंड होने पर: अगर कोई कर्मचारी सस्पेंड होता है तो उसके पास एनपीएस अंशदान को जारी रखने का विकल्प मिलेगा। सस्पेंशन हटने के बाद वह फिर से सर्विस में आता है तो उस समय के वेतन के आधार पर योगदान की फिर से गणना की जाएगी।प्रोवेशन के दौरान: नई गाइडलाइन के अनुसार, प्रोवेशन पीरिएड वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए भी एनपीएस में कंट्रीब्यूशनअनिवार्य है, ताकि उनकी पेंशन सेविंग्स जल्द से जल्द शुरू हो सके।
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अवैतनिक अवकाश: जो कर्मचारी अनुपस्थित हैं या अवैतनिक अवकाश पर हैं, उन्हें अंशदान करने की आवश्यकता नहीं होगी। अन्य विभागों या अन्य संगठनों में प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत कर्मचारियों को भी एनपीएस में योगदान देना होगा, यदि उनका ट्रांसफर नहीं हुआ है।
गलती होने पर: गाइडलाइन में साफ किया गया है कि अगर कंट्रीब्यूशन में कोई गलती होती है तो उसे ब्याज सहित लाभार्थी के पेंशन अकाउंट में जमा कर दिया जाएगा।
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रिटर्न देने में एनपीएस ने म्यूचुअल फंड्स को पछाड़ा
इक्विटी स्कीम
अवधि एनपीएस-ई (टियर 1) लार्जकैप फंड्स फ्लेक्सीकैप5 साल 19.6 प्रतिशत 18.7 प्रतिशत 22.6 प्रतिशत
10 साल 13.9 प्रतिशत 14.8 प्रतिशत 15.9 प्रतिशत
(सालाना औसत रिटर्न)
कॉरपोरेट बॉन्ड स्कीम
अवधि एनपीएस-सी (टियर 1) बैंकिंग-पीएसयू फंड कॉरपोरेट बॉन्ड फंड5 साल 7.6 प्रतिशत 6.4 प्रतिशत 6.5 प्रतिशत
10 साल 8.8 प्रतिशत 7.2 प्रतिशत 7.3 प्रतिशत
15 साल 9.4 प्रतिशत 6.9 प्रतिशत 7.4 प्रतिशत
(सालाना औसत रिटर्न)
जी-सेक स्कीम
अवधि एनपीएस-जी (टियर 1) गिल्ट फंड्स5 साल 7.7 प्रतिशत 6.5 प्रतिशत
10 साल 9.2 प्रतिशत 7.9 प्रतिशत
15 साल 8.8 प्रतिशत 7.5 प्रतिशत
(सालाना औसत रिटर्न)