scriptन बेटा बचा, न इज्जत, कीर्ति चक्र बहू ले कर चली गई, शहीद कैप्टन अंशुमान के माता-पिता का दर्द सुनकर हिल जाएंगे आप | Neither the son survived, the daughter-in-law took away the Kirti Chakra, you will be shaken to hear the pain of the parents of martyr Captain Anshuman Singh | Patrika News
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न बेटा बचा, न इज्जत, कीर्ति चक्र बहू ले कर चली गई, शहीद कैप्टन अंशुमान के माता-पिता का दर्द सुनकर हिल जाएंगे आप

कैप्टन की मां ने बताया कि उनकी बहू नोएडा के घर से अपना सारा सामान पैक करके अपेन साथ ले गई। जब उनकी बेटी नोएडा गई तब इस बारे में पता चला। मेरा बेटा उनसे प्रेम करता था, लेकिन उन्होंने प्रेम की परिभाषा को तार-तार कर दिया। मेरे पास न बेटा बचा, न बहू और न इज्जत।

नई दिल्लीJul 16, 2024 / 08:17 pm

Anand Mani Tripathi

आग में फंसे अपने साथियों को बचाने में जान गंवाने वाले कैप्टन अंशुमान सिंह को पिछले शुक्रवार को मरणोपरांत कीर्ति चक्र दिया गया। राष्ट्रपति भवन में ये पुरस्कार शहीद की पत्नी स्मृति और मां मंजू सिंह ने ग्रहण किया था। लेकिन अब वह ससुराल छोड़कर मायके चली गईं।
शहीद के पिता रवि प्रताप सिंह का कहना है कि वह सबकुछ अपने साथ ले गई। उन्होंने मीडिया से कहा, हमें आजतक ये पता नहीं चला कि वह हमारा परिवार छोडकऱ क्यों गईं। इतना ही नहीं उन्होंने उस प्रेम कहानी को भी झूठा बताया, जिसे सुनाते हुए स्मृति भावुक हो गई थीं।
उन्होंने कहा, 18 जुलाई 2023 को को मेरी अंशुमान से बात हुई थी और 19 जुलाई को यह घटना हो गई। हमने इस वर्ष एक फरवरी को शांतिपाठ करवाया, लेकिन वह नहीं आईं। वह हमेशा यही कहती रही कि हमें संभलने के लिए समय चाहिए। कैप्टन के पिता ने कहा कि स्मृति यहां से मायके जाने के दस दिन बाद ही स्कूल में पढ़ाने लगीं थी, कोई व्यक्ति स्कूल में तभी पढ़ा सकता है, जब वह मानसिक रूप से स्थिर हो।
Captain Anshuman

हमारे साथ पांच महीने ही रहीं

रविप्रताप सिंह ने अपने बेटे के ससुराल वालों पर भी बड़े आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा, वह हमारे साथ पांच महीने ही रही। जब भी हम बात करते, बहू की जगह उनके माता-पिता ही बात करते। उनकी पहले से प्लानिंग थी कि उनको हमसे अब कोई रिश्ता नहीं रखना। 26 जनवरी को अंशुमान को सम्मान देने की घोषणा होने के बाद बहू से बात हुई। शहीद की मां ने कहा, उनकी बहू ने यहां से जाने के कुछ दिन तक रिप्लाई किया, फिर सबकुछ छोड़ दिया।
Captain Wife Smiriti

सारा सामान समेटकर चली गई

कैप्टन की मां ने बताया कि उनकी बहू नोएडा के घर से अपना सारा सामान पैक करके अपेन साथ ले गई। जब उनकी बेटी नोएडा गई तब इस बारे में पता चला। मेरा बेटा उनसे प्रेम करता था, लेकिन उन्होंने प्रेम की परिभाषा को तार-तार कर दिया। मेरे पास न बेटा बचा, न बहू और न इज्जत। शहीद के पिता ने मुआवजे को लेकर कहा, इसकी ज्यादातर राशि बहू को मिली। हमे सिर्फ 15 लाख ही मिले।

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