नीट पेपर लीक के आरोपी सिकंदर यादवेंद्र ने अपने कबूलनामे में खुलासा किया कि उसने 32 लाख रुपए में अमित आनंद और नीतीश कुमार से पेपर खरीदा था। उसने समस्तीपुर के अनुराग यादव, दानापुर पटना के आयुष कुमार, गया के शिवनंदन कुमार और रांची के अभिषेक कुमार को पेपर 40-40 लाख रुपए में बेचा था। पटना के रामकृष्णा नगर में नीट परीक्षा से एक रात पहले 4 मई को पेपर इन चारों अभ्यर्थियों को रातभर रटवाया गया था।
नीट पेपर लीक मामले में संजीव मुखिया उर्फ लूटन की तलाश में अभी भी पुलिस जुटी हुई है। संजीव मुखिया का बेटा शिव कुमार पहले से ही बीपीएससी पेपर लीक मामले में जेल में बंद में है। नीट पेपर लीक मामले में अब तक बिहार में 13 लोगों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। पुलिस को शक है कि संजीव मुखिया के तार नीट परीक्षा लीक मामले से भी जुड़े हुए हैं। क्योंकि वो नीट परीक्षा के बाद से फरार है। बीते 20 सालों में अनेक परीक्षाओं को लीक कराने में उसका नाम सामने आ चुका है। वह पहले भी जेल जा चुका है।
शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने बिहार ईओयू के एडीजी नैयर हसनैन खान को दिल्ली बुलाया है। वह एडीजी और अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक कर मामले की समीक्षा करेंगे। यह बैठक 25 जून को संभावित है। समझा जाता है कि उसके बाद ही नीट-2024 परीक्षा को रद्द करने की मांग पर सरकार कोई फैसला लेगी। नीट और यूजीसी-नेट की परीक्षा में अनियमितताओं को लेकर इस समय बहस छिड़ी हुई है और मामला सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है।