भारतीय नौसेना के प्रवक्ता के अनुसार, यह दस्तावेज विकसित भारत के लिए युद्ध के लिए तैयार, विश्वसनीय, एकजुट और भविष्य के लिए तैयार नौसेना के सीएनएस के विजन के प्रमुख बिंदुओं पर प्रकाश डालता है। नौसेना प्रवक्ता ने एक्स पर आगे कहा कि सीएनएस ने नौसेना समुदाय को भारत की समुद्री शक्ति के प्रमुख प्रकटीकरण के रूप में भारतीय नौसेना के जनादेश को पूरा करने के लिए समर्पण और संकल्प के साथ आगे बढ़ने का निर्देश दिया।
रक्षा के लिए नौसेना को सही रास्ते पर रखने का किया आग्रह
सीएनएस ने नेतृत्व के पदों पर बैठे कर्मियों से सीटीएस-2024 का लाभ उठाने और देश के समुद्री हितों की रक्षा के लिए नौसेना को सही रास्ते पर रखने का आग्रह किया। एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी ने 30 अप्रैल को भारतीय नौसेना के 26वें नौसेना प्रमुख के रूप में कार्यभार संभाला। उन्होंने एडमिरल आर. हरि कुमार का स्थान लिया। इससे पहले 2 जुलाई को भारतीय नौसेना की पनडुब्बी आईएनएस शाल्की का श्रीलंका नौसेना द्वारा औपचारिक स्वागत किया गया। पनडुब्बी दो दिवसीय यात्रा पर श्रीलंका के कोलंबो में है। यात्रा के दौरान, कमांडिंग ऑफिसर पश्चिमी नौसेना क्षेत्र के कमांडर रियर एडमिरल डब्ल्यूडीसीयू कुमारसिंघे से मुलाकात करेंगे, उसके बाद जहाज पर मौजूद श्रीलंका नौसेना के कर्मियों को ब्रीफिंग देंगे। श्रीलंका में भारतीय उच्चायोग और श्रीलंका रक्षा बलों के कर्मियों का भी पनडुब्बी का दौरा करने का कार्यक्रम है।
आईएनएस शाल्की शिशुमार
आईएनएस शाल्की शिशुमार श्रेणी की डीजल-इलेक्ट्रिक पनडुब्बी है, जिसे 07 फरवरी 1992 को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। यह भारत में निर्मित पहली पनडुब्बी है। 2 जुलाई को एक अन्य घटनाक्रम में, भारतीय नौसेना के फ्रंटलाइन फ्रिगेट आईएनएस तबर ने रूसी नौसेना के जहाज सोब्राजिटेलनी के साथ समुद्री साझेदारी अभ्यास (एमपीएक्स) का सफलतापूर्वक संचालन किया। आईएनएस तबर 328वें रूसी नौसेना दिवस परेड समारोह में भाग लेने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर 25 जुलाई 2024 को सेंट पीटर्सबर्ग, रूस पहुंचा। भारत और रूस के बीच मधुर द्विपक्षीय संबंध और समुद्री सहयोग है जो विविध क्षेत्रों में फैला हुआ है। आईएनएस तबर की यात्रा का उद्देश्य इस दीर्घकालिक मित्रता को मजबूत करना और दोनों देशों के बीच संबंधों को मजबूत करने के नए रास्ते तलाशना है।