इन धाराओं के अंतर्गत मामला दर्ज
मुनिरत्न और विजय कुमार, सुधाकर, किरण कुमार, लोहित गौड़ा, मंजूनाथ और लोकी सहित छह अन्य के खिलाफ आईपीसी की धाराओं 354 ए (यौन उत्पीड़न), 354 सी (चुपके से देखना), 376 (बलात्कार), 506 (आपराधिक धमकी), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान करना), 120 (बी) (अपराध करने की योजना को छिपाना), 149 (समान उद्देश्य के अभियोजन में किए गए अपराध का दोषी गैरकानूनी सभा का प्रत्येक सदस्य), 384 (जबरन वसूली), 406 (आपराधिक विश्वासघात) और 308 (गैर इरादतन हत्या करने का प्रयास) के तहत मामला दर्ज किया गया था।
ये है आरोप
मुनिरत्न को पहले कथित उत्पीड़न और धमकी के मामलों में गिरफ्तार किया गया था और जमानत पर रिहा किया गया था। भाजपा विधायक और तीन अन्य लोगों पर आईपीसी की धारा 37 (अपराध के लिए कई कामों में से एक करके सहयोग करना), 506 (आपराधिक धमकी), 505 (सार्वजनिक शरारत करने वाले बयान), 385 (जबरन वसूली करने के लिए किसी व्यक्ति को चोट पहुंचाने का डर दिखाना), 420 (धोखाधड़ी और बेईमानी से संपत्ति की डिलीवरी के लिए प्रेरित करना) और 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। ठेकेदार ने आरोप लगाया कि विधायक ने एक अनुबंध के सिलसिले में करीब 20 लाख रुपये का कमीशन मांगा और उन्होंने 1 लाख रुपये की पेशकश की, लेकिन मुनिरत्न ने पूरी रकम पर जोर दिया।