क्यों भेजा गया नोटिस?
आपको बता दें की ध्यान फाउंडेशन और इसके संस्थापक योगी अश्विनी को निशाना बनाने वाले कथित रूप से अपमानजनक वीडियो को हटाने कोर्ट ने पहले भी नोटिस जारी किया था। यूट्यूब की तरफ से उसकी पालना नहीं हुई। जिसके चलते सुंदर पिचाई को ये नोटिस का सामना करना पड़ रहा है। ध्यान फाउंडेशन ने गूगल के स्वामित्व वाले यूट्यूब के खिलाफ जो केस फाइल कर रखा है, इसकी अगली सुनवाई 3 जनवरी 2025 को होगी।
सुंदर पिचाई क्यों जारी हुआ नोटिस
वीडियो हटाने के आदेश के बावजूद ‘पाखंडी बाबा की करतूत’ वाले टाइटल से बना वीडियो भारत के बाहर दूसरे देशों में अभी भी देखा जा सकता है। इसको हटाने को लेकर कोर्ट की तरफ से पहले नोटिस जारी किया गया था लेकिन कोर्ट की बात की अवमानना करने पर कोर्ट ने सुंदर पिचाई के खिलाफ कदम उठाया।
NGO ने किया दावा
ध्यान फाउंडेशन ने अपनी याचिका में दावा किया कि गूगल के स्वामित्व वाली यूट्यूब ने जानबूझकर आपत्तिजनक वीडियो को हटाया नहीं है। इसके चलते एनजीओ और उसके संस्थापक की प्रतिष्ठा को धूमिल करने की कोशिश की जा रही है जबकि उनकी संस्था एनजीओ पशु कल्याण पर ध्यान केंद्रित करने वाली संस्था है।