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नई दिल्ली

Assam: बारपेटा जिला कोर्ट के आदेश पर तीन साल बाद अपने बेटे से मिली मां, अस्पताल की एक गलती से बिछड़ा था नवजात

असम के बारपेटा जिले में मां-बाप को उनका बेटा तीन साल बाद मिला है। जिले की एक अदालत ने डीएनए टेस्ट के बाद बच्चे के असली मां-बाप से मिला दिया। जन्म के तुरंत बाद मां से बच्चा अलग हो गया था।

नई दिल्लीJun 12, 2022 / 06:22 pm

Archana Keshri

Assam: बारपेटा जिला कोर्ट के आदेश पर तीन साल बाद अपने बेटे से मिली मां, अस्पताल की एक गलती से बिछड़ा था नवजात

Assam: बारपेटा जिला कोर्ट के आदेश पर तीन साल बाद अपने बेटे से मिली मां, अस्पताल की एक गलती से बिछड़ा था नवजात

असम के बारपेटा जिले में एक अस्पताल में गलती से नवजात को उसकी मां की जगह अन्य महिला को सौंप दिया गया था। यह घटना तीन साल पहले की है। घटना के तीन साल बाद कोर्ट के निर्देश पर महिला अपने बेटे से मिल पाई। अब जब नवजात तीन साल का हो गया है तब वह अपनी सगी मां की गोद में पहुंचा है। जन्म के तुरंत बाद मां से बच्चा अलग हो गया था। दरअसल, एक ही अस्पताल में भर्ती एक ही नाम की दो माताओं को लेकर नर्स की गलतफहमी के कारण यह मसला खड़ा हुआ।
सरकारी अस्पताल में साल 2019 में नजमा खान नाम की दो गर्भवती महिलाएं अस्पताल में भर्ती हुईं थीं। जिनमें से एक का बच्चा मृत पैदा हुआ था, लेकिन जब बच्चे को मां को सौपने की बारी आयी तो नाम एक होने के चलते जीवित शिशु की असली मां के बजाय दूसरी महिला को बच्चा सौप दिया गया। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंचा। वहीं अब कोर्ट के निर्देश के बाद डीएनए रिपोर्ट के आधार पर बच्चे की असली मां तीन साल के बाद अपने नवजात से मिल पाई है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 3 मई 2019 को बारपेटा की एक गर्भवती महिला नजमा खानम ने सरकारी अस्पताल में बेटे को जन्म दिया। प्रसव के बाद महिला को आईसीयू और बच्चे को चाइल्स केयर रूम में भर्ती किया गया। कुछ घंटों बाद अस्पताल के स्टाफ ने बच्चे का शव नजमा के परिवार को सौंप दिया। वहीं एडवोकेट अब्दुल मन्नान ने बताया कि नजमा खानम के परिवार के सदस्यों ने दावा किया कि उसने एक स्वस्थ बच्चे को जन्म दिया। ऐसे में थोड़ी देर बाद बच्चे की मौत हो जाना शक पैदा करता है।
अब्दुल मन्नन ने कहा, “तीन दिनों के बाद परिजनों ने अस्पताल में भर्ती होने वाली गर्भवती महिलाओं के लिस्ट की जांच की तब उन्हें पता चला कि एक ही नाम वाली दो महिलाएं नजमा खानम और नजमा खातून अस्पताल में भर्ती थीं। इन दोनों ने दो बच्चों को जन्म दिया था जिसमें से एक की मौत हो गई थी।” वहीं नजमा के परिवार ने अस्पताल के खिलाफ बारपेटा सदर थाने में शिकायत दर्ज कराई।

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जांच के दौरान पुलिस ने पाया कि गोसईगांव की नजमा खातून ने भी उसी दिन अस्पताल में एक बच्चे को जन्म दिया था, जिसकी हालत बहुत गंभीर थी और कुछ देर बाद उसने दम तोड़ दिया था। ड्यूटी पर मौजूद नर्स दोनों शिशुओं को लेकर भ्रमित हो गई और उसने मृत बच्चा नजमा खानम के पति को सौंप दिया।
इस केस के जांच अधिकारी ने 8 अक्टबर 2020 को बारपेटा कोर्ट के समक्ष नवजात, नजमा खानम और उनके पति, नजमा खातून और उनके पति के डीएनए टेस्ट के लिए एक याचिका दायर की, जिसे कोर्ट ने स्वीकर कर लिया। डीएनए टेस्ट रिपोर्ट पाजिटिव आई। डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट में बच्चा नजाम खानम और उनके पति का निकला। कोर्ट के निर्देशों के अनुसार बच्चे को उसकी असली मां के हाथों सौंप दिया गया।

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