गांवों में यातायात पर खर्च तेजी से बढ़ा
सर्वे के मुताबिक, ग्रामीण भारत में औसत उपभोक्ता खर्च में किराए के घर पर खर्च महज 0.76त्न है। यह शहरी भारत में किराए के घर पर होने वाले खर्च का करीब 10 फीसदी ही है। हालांकि, गांवों में भी किराए के घर पर खर्च की हिस्सेदारी बढक़र 0.78 प्रतिशत हो गई है, जो वर्ष 2011-12 में महज 0.45 प्रतिशत थी। ग्रामीण भारत में आवाजाही पर होने वाले खर्च में तेजी से इजाफा हुआ है। यातायात पर होने वाला खर्च वर्ष 2022-23 में 7.38 प्रतिशत हो गया, जो वर्ष 2011-12 में सिर्फ 4.2 प्रतिशत था। शहरी और ग्रामीण, दोनों इलाकों में सैलरीड क्लास यानी रेगुलर वेतन पाने वाले लोग सबसे अधिक खर्च कर रहे हैं।
शहरों में रूम रेंट-कन्वेयेंस पर बढ़ा खर्च (कुल घरेलू खर्च में हिस्सेदारी)
वर्ष | रूम रेंट (प्रतिशत) | यातायात (प्रतिशत) |
1999-2000 | 4.46 | 5.52 |
2004-05 | 5.38 | 6.21 |
2009-10 | 5.79 | 5.63 |
2011-12 | 6.24 | 6.52 |
2022-23 | 6.56 | 8.59 |
ग्रामीण इलाकों में यातायात पर बढ़ा खर्च
वर्ष | कुल खर्च में हिस्सेदारी (प्रतिशत) |
1999-2000 | 2.94 |
2004-05 | 3.65 |
2009-10 | 3.45 |
2011-12 | 4.20 |
2022-23 | 7.55 |
ग्रामीण इलाकों में ये कर रहे सबसे अधिक खर्च (राशि रुपए में)
पेशा | खर्च राशि |
स्व-रोजगार वाले (कृषि) | 3,702 |
स्व-रोजगार वाले (गैर-कृषि) | 4,074 |
सैलरीड क्लास | 4,533 |
दिहाड़ी मजदूर (कृषि) | 3,273 |
दिहाड़ी मजदूर (गैर-कृषि) | 3,315 |
शहरी इलाकों में ये कर रहे सबसे अधिक खर्च (राशि रुपए में)
पेशा | खर्च राशि |
स्व-रोजगार वाले | 6,067 |
सेलरीड क्लास | 7,146 |
दिहाड़ी मजदूर | 4,379 |
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