महज 50 लोग ही बरात में हो पाएंगे शामिल
दरअसल, कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल द्वारा लाए गए इस बिल के अनुसार, बरात में सिर्फ 50 लोग ही शामिल हो पाएंगे। साथ ही इसके तहत शादी में 10 से अधिक व्यंजनों को नहीं परोसा जा सकेगा। इसके अलावा शगुन या उपहार में 2500 रुपये से अधिक नहीं दिए जा सकेंगे। यह बिल अगर पास हो जाता है तो निश्चित ही फिजूलखर्ची पर लगाम लग जायेगा।
जसबीर बोले- मैंने इसे अपने घर में लागू कर दिया है
लोकसभा में बिल को पेश करते समय कांग्रेस सांसद ने कहा कि उन्होंने 2019 में एक शादी में भाग लेने के बाद इस विधेयक की परिकल्पना की थी। उनके मुताबिक, ‘वहां 285 ट्रे में व्यंजन थे। मैंने देखा कि ऐसी 129 ट्रे में से किसी ने एक चम्मच भी नहीं निकाला था। इसमें का सारा खाना बर्बाद हो गया, जिससे मुझे काफी दुःख पहुंचा। जितना पैसा इन पकवानों को बनाने में खर्च हुआ होगा उससे सैकड़ों गरीबों का पेट कई दिनों तक भर सकता था।’ इस परिकल्पना के बाद मैंने इसे सबसे पहले अपने घर में लागू किया।
बिल लाने की जरूरत क्यों पड़ी?
प्राइवेट मेंबर बिल पेश करते समय गिल ने बताया- शादियों पर होने वाले खर्चे पर लगाम लगाने के लिए इस बिल को लाने की जरूरत पड़ी। उन्होंने कहा कि उनका मकसद फिजूलखर्ची वाली शादियों की संस्कृति को खत्म करना है। क्योंकि यह परंपरा लड़की के परिवार पर बहुत बोझ डालती है।
एक लड़की की शादी करने के बाद उसके पिता कई वर्षों तक कर्ज में डूबे रहते हैं। उन्होंने कहा, मुझे ऐसी कई घटनाओं के बारे में पता चला जिसमें लोगों को अपने बेटियों की शादी के लिए अपनी जमीनें और घर तक बेचने पड़े हैं या फिर बैंक से लोन लेना पड़ा है। इस परंपरा को जड़ से खत्म करने के लिए इस बिल को लाया गया है।