सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के इस फैसले को बदला जाएगा
केंद्र द्वारा लाई गई ये बिल सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को कमजोर करती है, जिसमें एक संविधान पीठ ने कहा था कि मुख्य चुनाव आयुक्तों (ECI) और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया में प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की सलाह पर की जानी चाहिए। साफ़ शब्दों में कहें तो उस पैनल में CJI को रखने की बात कही गई थी।
लेकिन इस कानून के आने के बाद CJI पैनल से बाहर हो जाएंगे। इस फैसले में कहा गया था कि तब तक यही व्यवस्था लागू रहेगी, जब तक संसद में इसे लेकर कानून नहीं बनाया जाता। न्यायमूर्ति के M Josef की अध्यक्षता वाली पांच-जजों की संविधान पीठ ने सर्वसम्मति से दिए फैसले में ये कहा था।
चीफ जस्टिस की जगह कैबिनेट मंत्री शामिल
केंद्र द्वारा लाए गए बिल के मुताबिक, ECI और चुनाव आयुक्तों के नियुक्ति पैनल में बदलाव किया गया है। सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की जगह एक कैबिनेट मंत्री को शामिल करने का प्रावधान किया गया है। इससे सरकार को पोल पैनल के सदस्यों की नियुक्तियों में ज्यादा नियंत्रण मिल जाएगा। यह बिल मार्च में सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के कुछ महीने बाद आया है, जिसमें कहा गया था कि प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में एक तीन सदस्यीय पैनल होगा, जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश शामिल होंगे।
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केंद्र और SC के बीच टकराव
पिछले कुछ समय में केंद्र सरकार और SC के बीच टकराव की स्थिति देखी गई है, फिर चाहे वो कॉलेजियम की सिफारिशों को नहीं मानना हो या फिर केंद्रीय मंत्रियों की टिप्पणियां, हर बार ये विवाद जनता के बीच खुलकर सामने आई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने बिल में संशोधन कर सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश को पलट दिया था, जिसमें दिल्ली सरकार को ग्रेड-ए अधिकारियों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिए गए थे।