अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध उग्रवादियों के अचानक हमले से तनाव और दहशत फैल गई। इसके कारण महिलाओं, बच्चों और बुजुर्गों समेत कई ग्रामीण सुरक्षित स्थानों पर शरण लेने के लिए भाग गए। मारी गई मैतेई समुदाय की महिला की पहचान नगांगबाम सुरबाला देवी के रूप में हुई। उसके शव को पोस्टमार्टम के लिए सरकारी क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) ले जाया गया। महिला की बेटी, पुलिस अधिकारी एन. रॉबर्ट (30) और अन्य घायलों को भी आरआईएमएस और अन्य अस्पतालों में भर्ती कराया गया है।
जब गोलीबारी शुरू हुई तो महिला और अन्य लोग अपने घरों में थे। गोलीबारी और बम हमलों में कई घर भी क्षतिग्रस्त हो गए। केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) के जवानों की एक बड़ी टुकड़ी राज्य बलों के साथ इलाके में पहुंची और उग्रवादियों को पकड़ने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया।
उग्रवादियों के हमले के तुरंत बाद मणिपुर गृह विभाग ने एक बयान में कहा कि राज्य सरकार को रविवार को ड्रोन, बम और कई अत्याधुनिक हथियारों का उपयोग करके निहत्थे कोत्रुक ग्रामीणों पर हमले की दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बारे में पता चला है। इसमें कहा गया है कि कुकी उग्रवादियों ने दो लोगों की जान ले ली और कई लोगों को घायल कर दिया। “निहत्थे ग्रामीणों पर आतंक फैलाने के ऐसे कृत्यों को सरकार बहुत गंभीरता से लेती है, जबकि राज्य सरकार राज्य में सामान्य स्थिति और शांति लाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है।”
गृह विभाग के बयान में कहा गया है कि कुकी उग्रवादियों द्वारा निहत्थे ग्रामीणों के बीच उत्पात मचाने की ऐसी हरकत को राज्य सरकार द्वारा राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों को पटरी से उतारने के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। साथ ही कहा गया है कि इस तरह के कृत्यों की कड़ी निंदा की जाती है।
बयान में कहा गया है कि राज्य सरकार ने स्थिति को नियंत्रित करने और इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक गांव में रविवार को हुए हमले में शामिल लोगों को दंडित करने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। रविवार की घटना मणिपुर में एक महीने में दूसरी हत्या है। मणिपुर के आदिवासी बहुल कांगपोकपी जिले के एकौ मुल्लम में 11 अगस्त को हुए विस्फोट में पूर्व विधायक की पत्नी चारुबाला हाओकिप (59) की मौत हो गई थी।
पुलिस के अनुसार विस्फोट में पूर्व विधायक यमथोंग हाओकिप (64) की पत्नी चारुबाला हाओकिप (59) गंभीर रूप से घायल हो गईं और उन्हें सैकुल के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई। चारुबाला मैतेई समुदाय से हैं, जबकि यमथोंग कुकी-जो समुदाय से हैं।