फ्लेमिंगो और सारस पर भी संकट है गुजरात में भी कच्छ के छोटे रण में और जंगली गधा अभयारण्य में दो ट्रांसमिशन लाइनों को मंजूरी दी गई है। कच्छ का छोटा रण कई प्रवासी पक्षियों के लिए भारत में प्रवेश बिंदु है। फ्लेमिंगो के अलावा, यह एशियाई होबारा, गिद्ध, सारस और सारस जैसी अन्य संकटग्रस्त पक्षी प्रजातियों के लिए एक महत्वपूर्ण निवास स्थान है। यदि ट्रांसमिशन लाइन को मंजूरी दी जाती है तो इन परिंदों के लिए जानलेवा साबित हो सकता है। पहले ही यहां बिजली लाइनों को अंडरग्राउंड करने की मांग उठती रही है, ताकि खासकर फ्लेमिंगो जैसे परिंदों को कोई नुकसान न पहुंचे।
इसके अलावा सतपुड़ा और मेलघाट टाइगर रिजर्व के बीच बाघ गलियारे में राष्ट्रीय राजमार्ग 46 के चौड़ीकरण को भी स्वीकृति मिली है, जिसमें 101 हेक्टेयर वन भूमि का उपयोग किया जाएगा और पशु मार्गों के निर्माण की शर्त रखी गई है। गोवा में लोग परियोजना के खिलाफ गोवा में ‘मोलेम बचाओ’ के तहत लोग इस परियोजना के खिलाफ हैं, क्योंकि इससे 7,881 पेड़ों की कटाई होगी, जो बाघ, गौर, भालू और अन्य वन्यजीवों का निवास स्थल हैं।सुप्रीम कोर्ट ने भी दिया था। आदेश इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट ने भी की थी और अप्रैल 2022 में उसने आदेश दिया था कि वनों की कटाई को कम करने के लिए ट्रांसमिशन लाइन को मौजूदा 110 केवी कॉरिडोर लाइन के साथ जोड़ा जाना चाहिए।