सेना के विमान से लाया गया पार्थिव शरीर
बता दें कि पूंछ में शहीद हुए चंदन कुमार का पार्थिव शरीर सोमवार को पूरे सम्मान के साथ नवादा होते हुए पैतृक गांव तक पहुंचा। इससे पहले जम्मू से पार्थिव शरीर को वायुयान के जरिए गया एयरपोर्ट पर लाया गया। वहां से सेना के जवानों ने तिरंगे में लिपटे हुए बलिदानी चंदन कुमार को सड़क मार्ग से नवादा तक लाया। जहां पुलिस लाइन केंद्र, नवादा में फूलों से सज-धजकर तैयार वाहन पर पार्थिव शरीर को रखकर नवादा शहर के सद्भावना चौक, मेन रोड, प्रजातंत्र चौक, भगत सिंह चौक होते हुए एनएच-20 खरांठ मोड़ के रास्ते वारिसलीगंज बाजार के विभिन्न चौक से घुमाते हुए अंतिम विदाई दी गई।
शहीद के अंतिम संस्कार में शामिल हुए सेना के बड़े अफसर
शहीद के अंतिम संस्कार के मौके पर सम्मान देने के लिए भारतीय सेना के जनरल कमांडिंग अफसर मेजर जनरल विशाल अग्रवाल सेना मेडल, दानापुर आर्मी कैंट के कर्नल रमन समेत कुल 30 फौजी जवान मौजूद थे। शहीद के पार्थिव शरीर के साथ निकाली गई तिरंगा यात्रा में हजारों की तादाद में लोग शामिल हुए। हालांकि इस दौरान बिहार सरकार के किसी भी प्रतिनिधि का मौजूद न होना लोगों को अखर रहा था।
नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए
अपने भाई के शहीद होने पर उनके बडे भाई को गर्व तो है लेकिन बिहार सरकार के रवैये से वह काफी दुखी दिखे। शहीद के अंतिम संस्कार के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उनके भाई के शहीद होने पर बिहार सरकार की तरफ से यह तक नहीं कहा गया कि इस राज्य का जवान और एक बेटा देश के लिए शहीद हो गया। नीतीश कुमार को शर्म आनी चाहिए। उनको को केवल गठबंधन की चिंता हैं। शहीद के लिए उन्होंने अब तक कुछ नहीं किया।
सरकार पहले ही मान चुकी हैं कि किस जाति का बेटा शहीद होगा
वहीं, उन्होंने सरकार के रवैये पर सवाल उठाते हुए कहा कि इस सरकार से कोई भी मांग करना व्यर्थ है। बिहार सरकार ने जातीय गणना कराकर पहले समाज को बांट दिया है। सरकार पहले ही मान चुकी है कि किस जाति का बेटा शहीद होगा तो उसके अंतिम यात्रा में उन्हें शामिल होना है। बिहार सरकार की तरफ से शहीद चंदन के लिए एक ट्वीट भी नहीं किया गया है।
CM योगी की तारीफ
हालांकि इस दौरान पीयूष ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तारीफ करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने शहीद को 50 लाख कैश, एक नौकरी और शहीद के नाम से सड़क बनाने का फैसला लिया है। और बिहार में क्या हुआ? उनके भाई का पार्थिव शरीर पिछले पांच दिनों से जम्मू में था, बिहार के किसी भी मंत्री और नेता ने उन्हें लाने की हिम्मत नहीं जुटाई। यहां तक कि अब तक कोई मिलने तक नहीं आया।