बुधवार शाम को मणिपुर से इंसानियत को शर्मसार करने वाली वीभत्स घटना का वीडियो सामने आया तो पूरा देश हिल गया। वीडियो में हैवानों की भीड़ दो महिलाओं को बिना कपड़ों के घुमाती नजर आ रही थी। उनको दबोचते नजर आ रहे थे। दावा तो यह भी किया जा रहा है कि नंगा घुमाए जाने के पहले इनमें से एक महिला के साथ दरिंदगी भी की गई।
वीडियो वायरल होने के बाद पुलिस ने बताया था कि घटना बीती 4 मई की है और इस मामले में एफआईआर भी लिखी गई है, लेकिन कई दिनों तक आरोपी गिरफ्तार नहीं हुए थे । कल गुरुवार (20 जुलाई) को इस मामले में पहली गिरफ्तारी हुई और पुलिस ने बताया कि मुख्य आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद तीन अन्य आरोपियों की भी गिरफ्तारी की गई।
गिरफ्तारी में देरी क्यों हुई
वीडियो के वायरल होने के बाद आरोपियों की गिरफ्तारी में देरी क्यों हुई इसका जवाब हर कोई खोज रहा है। देश की जनता सवाल पूछ रही है कि आखिर यहां की प्रशासन प्राथमिकी दर्ज होने के बाद यह इंतजार कर रही थी की दुराचार करने वाले खुद थाने आकर अपनी गिरफ्तारी देंगे। इन सवालों का जवाब देते हुए थोबल जिले के एसपी सच्चिदानंद ने बताया कि पुलिस सबूतों की कमी के चलते अभी तक आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकी थी।
लेकिन उन्होंने उन दावों को गलत सरासर बताया, जिसमें कहा गया था कि पुलिस घटनास्थल पर मौजूद थी। जब यह घिनौना कृत्य हो रहा था। एसपी ने बताया कि घटना के दिन नांगपोक सेकमेई पुलिस स्टेशन पर उग्रवादियों की भीड़ ने हथियार लूटने के मंसूबे से हमला बोला था। सारी पुलिस थाने की सुरक्षा करने में लगी हुई थी। उसी दौरान यह घटना हुई।