इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने अजित पवार से जुड़ीं 5 संपत्तियों को सीज करने का आदेश जारी कर दिया है। ये संपत्तियां एक हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की बताई जा रही हैं। यह भी पढ़ेँः
महाराष्ट्र: वसूली मामले में ED का सबसे बड़ा एक्शन, पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख देर रात गिरफ्तार महाराष्ट्र में केंद्रिय जांच एजेंसियों की बड़ी कार्रवाई लगातार देखने को मिल रही है। पिछले कई दिनों से छापेमारी के बाद अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने डिप्टी सीएम अजीत पवार के खिलाफ बड़ा एक्शन लिया है।
आईटी ने पवार की 1000 करोड़ रुपए की संपत्ति को सीज करने का नोटिस जारी किया है।
दरअसल हाल में आईटी ने अपनी छापेमारी के दौरान अजित पवार से जुड़ी बेहिसाब संपत्ति को लेकर बड़ा खुलासा किया था। विभाग ने पवार के परिवार से जुड़ी 2 रियल एस्टेट फर्मों की बेहिसाब आय का पता लगाया।
आईटी ने 7 अक्टूबर को अपनी तलाशी के दौरान मुंबई के 2 रियल एस्टेट समूहों की 184 करोड़ रुपए की बेहिसाब आय का पता लगाया। ये महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार के परिवार से जुड़ी है।
इन संपत्तियों को सीज करने का आदेश
आईटी ने डिप्टी सीएम अजित पवार की 1000 करोड़ रुपए की जिन संपत्तियों को सीज करने का आदेश दिया है उनमें सबसे बड़ी संपत्ति जरंदेश्वर शुगर फैक्ट्री है, इसकी मार्केट वैल्यू करीब 600 करोड़ रुपए है।
वहीं इसके अलावा साउथ दिल्ली में स्थित फ्लैट जिसकी बाजार कीमत करीब 20 करोड़ रुपए है। तीसरी संपत्ति जिसे सीज करने का आदेश वो है पार्थ पवार का निर्मल ऑफिस इसकी मार्केट वैल्यू करीब 25 करोड़ रुपए बताई जा रही है।
इसी तरह निलय नाम से गोवा में बना रिसॉर्ट जिसकी कीमत करीब 250 करोड़ रुपए औऱ महाराष्ट्र की 27 अलग-अलग जगहों की जमीन जिनकी कुल कीमत करीब 500 करोड़ रुपए है। इन्हें सीज करने का नोटिस दिया गया है।
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देवेंद्र फडणवीस का पलटवार, बोले- दिवाली बाद फूटेगा बड़ा बम, दूंगा नवाब मलिक के अंडरवर्ल्ड कनेक्शन के सबूत विभाग ने मुंबई, पुणे, बारामती, गोवा और जयपुर में लगभग 70 परिसरों में छापेमारी के दौरान जमा किए गए सबूतों से कई बेहिसाब और बेनामी लेनदेन का खुलासा किया है। बता दें कि तलाशी के दिन अजित पवार ने कहा था कि उन्हें अपने खिलाफ तलाशी से कोई समस्या नहीं है लेकिन वह इस बात से परेशान हैं कि उनकी बहनों को इसमें घसीटा गया है।
उन्होंने ये भी कहा था कि हम हर साल कर का भुगतान करते हैं। चूंकि मैं वित्त मंत्री हूं, इसलिए मुझे राजकोषीय अनुशासन की जानकारी है। मुझसे जुड़ी सभी संस्थाओं ने करों का भुगतान किया है।