यूनिवर्सिटी ने एक बयान जारी कर कहा, “हम समझते हैं कि सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो से कुछ लोग आहत हुए हैं, जिसमें हमारे एक संकाय सदस्य को अपनी निजी राय साझा करते हुए सुना जा सकता है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि उनके द्वारा साझा किए गए विचार पूरी तरह से व्यक्तिगत हैं और हम उनका किसी से तरह समर्थन नहीं करते। हम हमेशा एक धर्मनिरपेक्ष यूनिवर्सिटी रहे हैं। यहां सभी धर्मों और आस्था के लोगों के साथ प्यार और सम्मान के साथ बराबरी का व्यवहार किया जाता है। उन्हें तत्काल प्रभाव से सेवा से मुक्त कर दिया गया है। हालांकि, हमें इस पूरी घटना का गहरा खेद है।”
बता दें, वायरल हो रहे एक वीडियो में लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी (एलपीयू) की प्रोफेसर गुरसंग प्रीत कौर ने भगवान राम पर अपमानजनक टिप्पणी करते देखी जा रही है। जिसमें गुरसंग प्रीत कौर ने छात्रों से बात करते हुए कहा कि रावण एक अच्छा इंसान था और भगवान राम एक बुरे इंसान थे।
वीडियो में गुरसंग प्रीत कौर ने आगे कहा, “मुझे लगता है कि राम एक चालाक व्यक्ति है। उसने सीता को फंसाने की सारी योजना बनाई। उन्होंने सीता को संकट में डाल दिया और सारा दोष रावण पर डाल दिया। मैं कैसे तय करूं कि कौन अच्छा है और कौन बुरा, और सारी दुनिया राम की पूजा कर रही है और कह रही है कि रावण एक बुरा इंसान है।”
सोशल मीडिया पर इस वीडियो के आते ही प्रोफेसर को बर्खास्त करने की मांग की जाने लगी। लोगों ने बॉयकॉट एलपीयू का हैशटैग पर कई ट्वीट किए। इसमें प्रफेसर का राम को लेकर कही गई बातें के ऑडियो भी ट्वीट किए गए।