दिल्ली सरकार ने जारी किए थे 849 शराब दुकानों को लाइसेंस
दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने बीते वर्ष आबकारी नीति 2021-22 के तहत कुल 849 शराब दुकानों को लाइसेंस जारी किए थे। लेकिन आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो इस साल मई के अंत तक इनमें से सिर्फ 639 दुकानें ही खुली पाई गईं।
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आबकारी विभाग की ओर से वेबसाइट पर भी जानकारी साझा की गई है। इसके मुताबिक, खुदरा शराब दुकानों की नई लिस्ट के तहत, जून में दिल्ली में शराब की दुकानों की संख्या घटकर महज 464 रह गई है। यानी जून के शुरुआती दिनों में ही दिल्ली में 385 दुकानें बंद हो चुकी हैं। माना जा रहा है ये आकंड़ा और बढ़ सकता है। ऐसे में शराब के शौकीनों को शराब लेने में परेशानी हो सकती है।
दरअसल दिल्ली में नए एलजी के आने से आबकारी नीति में होने वाले बदलाव में देरी को देखते हुए केजरीवाल सरकार ने आबकारी नीति 2021-22 को दो महीने के लिए बढ़ा दिया था। ऐसे में पुरानी नीति के तहत जुलाई तक दुकानें संचालित की जा सकती थीं।
शराब व्यापारियों की मानें तो दिल्ली में सस्ती शराब बेचे जाने की होड़ के चलते भारी छूट दी जा रही थी। दुकान बंद करने के पीछे इस छूट से होने वाला नुकसान भी बड़ी वजह है।
इसके अलावा भी कई कारण है जिनकी वजह से दुकानें बंद हो रही है। जैसे कि नॉन कंफिर्मिंग वार्डों में शराब की दुकानों को खोलना, शराब पर भारी छूट से बाजार में प्रतियोगिता बढ़ना, नए ब्रांडों के आना। इन सब कारणों की वजह से दुकान बंद करने जैसे कदम उठाने पड़े।
मौजूदा आबकारी नीति के तहत, प्रत्येक लाइसेंसधारी को प्रत्येक नगरपालिका वार्ड में तीन स्टोर खोलने थे। अधिकारियों ने कहा कि हालांकि, 272 नगरपालिका वार्डों में से 100 गैर-अनुरूप थे जहां दिल्ली मास्टर प्लान नियमों के उल्लंघन के खिलाफ नगर निकायों की कार्रवाई के कारण दुकानें नहीं खुल सकीं।
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