पीएम मोदी की गारंटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीतने के साथ अपनी हैट्रिक लगाने की तैयारी हैं। बीजेपी ने ‘मोदी की गारंटी’ को अपने अभियान का मुख्य मुद्दा बना लिया है। नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर भी ‘मोदी की गारंटी’ को विस्तृत तरीके से बताया गया है। इसमें ये युवाओं के विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण, किसानों के कल्याण और कमजोर वर्ग के लिए एक गारंटी है।
कांग्रेस की न्याय गारंटी
केंद्र सरकार के खिलाफ कांग्रेस ने भी मोर्चा खोल दिया है। कांग्रेस ने न्याय गारंटी भी इस बार चुनावी मुद्दा बना लिया है। कांग्रेस को हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना के राज्य चुनावों में उस समय फायदा भी मिला। लोकसभा चुनावों के लिए पार्टी ने अपनी 5 ‘न्याय’ गारंटी सामने रखी है। युवाओं, किसानों, महिलाओं, मजदूरों के लिए न्याय सुनिश्चित करना कांग्रेस ने सभी का ध्यान अपनी और आकर्षित किया है।
अनुच्छेद 370, CAA और समान नागरिक संहिता
बीजेपी ने बीते कुछ सालों जनता के लिए ऐसे काम किए है जो इस बार चुनावी मुद्दा बन गया है। अनुच्छेद 370, CAA और समान नागिरक संहिता सहित मुद्दों को लेकर बीजेपी लोगों के बीच जाकर बता रही है। भगवा पार्टी ने नागरिकता (संशोधन) अधिनियम, 2019 के कार्यान्वयन और जम्मू-कश्मीर के लिए अनुच्छेद 370 को निरस्त करके अपने वादे पूरे कर दिए हैं। वहीं सीएए को भी लागू कर दिया गया है।
‘अमृत काल’ बनाम ‘अन्याय काल’
चुनावी माहौल के बीच बीजेपी दावा कर रही है कि मोदी सरकार ने ‘अमृतकाल’ में सुशासन, तेज गति से विकास और भविष्य के लिए एक दृष्टिकोण बनाया है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस ने मोदी सरकार के 10 सालों को ‘बेरोजगारी, बढ़ती कीमतें, संस्थाओं पर कब्ज़ा, संविधान पर हमला और बढ़ती आर्थिक असमानताओं’ वाला ‘अन्याय काल’ बताया है। इस प्रकार से बीजेपी और कांग्रेस एक दूसरे पर हमलावर है।
राम मंदिर
बीजेपी अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा समारोह को जबरदस्त उत्साह के साथ पूरे देश में मनाया। बीजेपी ने इस का श्रेय पीएम मोदी को देते हुए सदियों पुराने सपने को साकार करने की बात कही है। विपक्षी नेता भी मानते हैं कि राम मंदिर से भाजपा को उत्तर भारत में फायदा हुआ है।
बेरोजगारी और महंगाई
देश में काफी समय से बेरोजगारी और महंगाई बड़ा मुद्दा बना हुआ है। इस समय कांग्रेस सहित INDIA गठबंधन में शामिल पार्टियां भी बेरोजगारी और आवश्यक वस्तुओं की बढ़ती कीमतों का मुद्दा उठा रही है। इस बार नौकरियों की कमी सबसे बड़ा मुद्दा है। सभी पार्टियां इस मुद्दे पर मोदी सरकार को घेरने की कोशिश कर रही है। हालांकि बीजेपी ने रोजगार वृद्धि और तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था का हवाला देते हुए पलटवार भी किया है।