Congress का जोरदार कमबैक
लोकसभा चुनाव 2024 में कांग्रेस को अपनी खोई हुई साख वापिस मिल गई। बीजेपी को रोकने के लिए किया गया I.N.D.I.A गठबंधन, राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा, मल्लिकार्जुन खरगे का नेतृत्व, जयराम रमेश का कम्युनिकेश डिपार्टमेंट संभालने की बात और फिर प्रियंका गांधी चुनाव प्रचार अभियान समेत इन सभी बड़ी बातों से देश की सबसे पुरानी पार्टी को फायदा मिला।
पश्चिम बंगाल में ममता दीदी का खेला
बंगाल में ममता बनर्जी की राजनीतिक सूझबूझ और विपक्ष का सामना करने की उनकी क्षमता बड़ी ताकतवर है। इसका मुकाबला करना आसान नहीं है। हालांकि, वे इंडिया ब्लॉक का हिस्सा रहीं, लेकिन पश्चिम बंगाल में अकेले चुनाव लड़कर और जीत कर अपनी ताकत दिखा दी। TMC ने जो सीटें जीती हैं, वे ममता बनर्जी के अथक अभियानों, अपने लोगों की नब्ज को समझने और सत्तारूढ़ NDA के विरोध की सुनामी को झेलने का नतीजा है।
बिहार में नीतीश कुमार का जलवा कायम
बिहार के नौ बार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर चुनावी लड़ाई लड़ने और सही मौके पर सही सहयोगी खोजने में अपना बेजोड़ कौशल दिखाया। समय के साथ राज्य में उनकी विश्वसनीयता बढ़ी है। भले ही राजनीतिक विरोधी उन्हें ‘पलटू चाचा’ कहकर बदनाम करते रहे हों, लेकिन नीतीश कुमार असली किंगमेकर हैं।
सपा की साइकिल भी चल पड़ी
UP में बीजेपी को सबसे बड़ी टक्कर अखिलेश यादव की साइकिल ने दी। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी (SP) के अंदरूनी झगड़ों को दूर किया है। पूरे राज्य में नए राजनीतिक गठबंधनों को एक साथ जोड़ा। SP ने सत्तारूढ़ बीजेपी को चुनौती दी है और उन्हें सचेत किया है। अखिलेश यादव ने दिखा दिया कि साइकिल को पंचर नहीं किया जा सकता। न ही आम जनता से दूर किया जा सकता है।
महाराष्ट्र में नहीं चला मोदी मैजिक
महाराष्ट्र में NCP और शिवसेना में 2 फाड़ होने के बाद जिस तरह से राज्य की राजनीति में बदलाव हुआ वो किसी करिश्मे से कम नहीं है। शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी, उद्धव ठाकरे की शिवसेना और कांग्रेस के त्रिपक्षीय गठबंधन ने सत्ताधारी भाजपा और शिवसेना के समीकरणों को उलट दिया है। यहां मोदी मैजिक बेअसर रहा।
आंध्र प्रदेश में चंद्रबाबू नायडू की नीति
आंध्र प्रदेश से चंद्रबाबू नायडू 70 साल के वो नेता हैं जिन्होंने दिखाया है कि एक तेजस्वी राजनेता को इतनी आसानी से खारिज नहीं किया जा सकता। हालांकि, वे NDA का हिस्सा हैं। इन चुनावों में मिली जीत से तेलुगु देशम पार्टी (TDP) को नई ऊर्जा मिलेगी।