scriptमाइनस 40 डिग्री सेल्सियस में 26 जनवरी से जलवायु के लिए अनशन करेंगे सोनम वांगचुक | Ladakh activist Sonam Wangchuk to observe five-day climate fast from Jan 26, showcase ‘power of sun’ | Patrika News
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माइनस 40 डिग्री सेल्सियस में 26 जनवरी से जलवायु के लिए अनशन करेंगे सोनम वांगचुक

लद्दाख के समाज सुधारक सोनम वांगचुक 26 जनवरी से माइनस 40 डिग्री सेल्सियस में जलवायु के लिए अनशन करेंगे। उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से लद्दाख के ग्‍लेश‍ियरों को व‍िलुप्‍त होने से बचाने का आग्रह किया है।

Jan 24, 2023 / 09:24 pm

Abhishek Kumar Tripathi

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Ladakh activist Sonam Wangchuk to observe five-day climate fast from Jan 26, showcase ‘power of sun’

‘ऑल इज नॉट वेल’, ‘3 इड‍ियट्स’ वाले सोनम वांगचुक ने ह‍िमालयी क्षेत्र खासकर लद्दाख के ग्‍लेश‍ियरों के लिए गहरी च‍िंता जताई है। वांगचुक ने अपने यूट्यूब चैनल के जरिए 13 मिनट का वीडियो शेयर किया है, जिसमें उन्होंने देश व दुनिया के लोगों से पर्यावरण की दृष्टि से संवेदनशील ‘लद्दाख’ का मदद करने का आग्रह किया है। इसके साथ ही उन्होंने ट्वीटर के माध्यम से उस वीडियो को शेयर किया और प्रधानमंत्री मोदी से आग्रह करते हुए सोनम वांगचुक ने कहा है कि “लद्दाख में सब कुछ ठीक नहीं है! अपने नए वीडियो में मैं अपील करता हूं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हस्तक्षेप करें और पारिस्थितिकी-नाजुक लद्दाख को सुरक्षा प्रदान करें। सरकार और दुनिया का ध्यान आकर्षित करने के लिए मैं 26 जनवरी से खारदुंगला दर्रे पर 18000 फीट -40 डिग्री सेल्सियस पर 5 दिन ClimateFast पर बैठने की योजना बना रहा हूं।”
सोनम वांगचुक का कहना है कि वह चाहते हैं कि गणतंत्र दिवस पर उनका मैसेज प्रधानमंत्री मोदी और लोगों तक पहुंचे, जिसके लिए खारदुंगला दर्रे पर पांच दिन के उपवास (सांकेतिक अनशन) पर बैठुंगा।
सौर दुनिया के लिए रास्ता
वांगचुक ने बताया कि अपने अनशन के दौरान वह 18,000 फीट की ऊंचाई पर खारदुंगला की चोटी पर कैंप करेंगे, जहां तापमान माइनस 40 डिग्री सेल्सियस रहेगा। कार्बन-तटस्थ तेजी से वह गर्म पानी और सौर पैनलों का यूज करके उत्पन्न बिजली और एक सौर बिस्तर का यूज करेंगे। वांगचुक ने एक वीडियो में कहा कि “सौर दुनिया के लिए रास्ता है और यही वह है जिसे मैं शायद दुनिया के पहले जलवायु-तटस्थ उपवास पर दिखाने की कोशिश करूंगा।”
 
आनंद महिद्रा ने वांगचुक को बताया क्लाइमेट हीरो
“सूर्य की शक्ति” का प्रदर्शन करते हुए वांगचुक ने लद्दाख में एक मिट्टी के घर के अंदर से एक वीडियो साझा किया, जहां झोपड़ी के अंदर का तापमान 20 डिग्री सेल्सियस था, जबकि बाहर का तापमान माइनस 20 डिग्री सेल्सियस था। अनशन की तैयारी के लिए वांगचुक ने माइनस 20 डिग्री सेल्सियस तापमान में 11,500 फीट की ऊंचाई पर फयांग पर “टेस्ट-रन” किया। टेस्ट रन के बारे में बताते हुए वांगचुक ने कहा कि “एक टेस्ट रन सफल! माइनस 20 डिग्री सेल्सियस पर सब ठीक है। 26 जनवरी से शुरू होकर खारदुंगला में 18,000 फीट माइनस 40 डिग्री सेल्सियस पर मेरी जलवायु के करीब पहुंच रहा है…यह परीक्षण मेरी छत पर HIAL Phyang 11,500 फीट पर था।” इसी ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए बिजनेस मैन आनंद महिद्रा ने कहा ‘यह आदमी क्लाइमेट हीरो है।’
 
https://twitter.com/anandmahindra/status/1617731314500907014?ref_src=twsrc%5Etfw
विलुप्त हो जाएंगे लद्दाख के ग्लेशियर
वांगचुक ने अपनी बातों में जोर देकर कहा है कि अगर लापरवाही जारी रही और लद्दाख को उद्योगों से सुरक्षा प्रदान करने से रोका गया, तो यहां के ग्लेशियर विलुप्त हो जाएंगे। जिससे भारत और उसके पड़ोस में पानी की कमी के कारण भारी समस्या पैदा हो जाएगी। कश्मीर विश्वविद्यालय और अन्य शोध संगठनों के हाल के अध्ययनों ने निष्कर्ष निकाला है कि लेह-लद्दाख में ग्लेशियर अपने दो-तिहाई तक समाप्त हो जाएंगे यदि उनकी ठीक से देखभाल नहीं की गई। इससे साथ ही शोध में पाया गया है कि राजमार्गों और मानवीय गतिविधियों से घिरे ग्लेशियर तुलनात्मक रूप से तेज गति से पिघल रहे हैं।

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