एल गणेशन अगले राज्यपाल की नियुक्ति तक बंगाल का कार्यभार भी संभालेंगे। यानी की वो बंगाल के राज्यपाल द्वारा जितने भी कार्य होते हैं वो तब तक करते रहेंगे, जब तक दूसरे राज्यपाल की नियुक्त नहीं हो जाती है। सोमवार की शाम उन्होंने पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में शपथ ली। उन्हें कलकत्ता हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश प्रकाश श्रीवास्तव ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्य के अन्य मंत्रियों एवं विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी की उपस्थिति में पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई।
शपथ ग्रहण समारोह के बाद ममता बनर्जी ने नए राज्यपाल को फूलों का गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया। बता दें, एल गणेशन बीजेपी में कई पदों पर रह चुके हैं, इसके साथ ही वह राज्यसभा के सदस्य भी रह चुके हैं। एल गणशेन तमिलनाडु भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष पद पर भी काम कर चुहे हैं और इसके अलावा उन्होंने भाजपा में कई अलग-अलग पदों पर काम करके पार्टी को मजबूत करने का काम किया है।
वह बहुत ही छोटी उम्र में राष्ट्रयी स्वयं सेवक संघ (RSS) में शामिल हो गए थे। फिर उन्हें संघ का प्रचारक बना दिया गया था। इन्होंने लगभग 20 वर्षों तक नागरकोइल, मदुरै और अन्य में विभिन्न पदों पर आरएसएस की सेवा की। 1991 में वह भाजपा में शामिल हो गए और उन्होंने राष्ट्रीय सचिव और फिर राष्ट्रीय स्तर पर भाजपा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया। 2006 और 2009 के बीच, गणेशन तमिलनाडु भाजपा के अध्यक्ष रहे।
बता दें, इस समय वो मणिपुर के राज्यपाल भी हैं, 22 अगस्त 2021 को उन्हें भारत के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा मणिपुर के 17 वें राज्यपाल के रूप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने 27 अगस्त, 2021 को इम्फाल के राजभवन के दरबार हॉल में मणिपुर के 17वें राज्यपाल के रूप में शपथ ली थी।