सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “यह अब सिर्फ़ अस्पताल में बलात्कार के एक ख़ास मामले से जुड़ा मामला नहीं है, बल्कि यह पूरे भारत में डॉक्टरों की सुरक्षा के प्रणालीगत मुद्दे से जुड़ा है।” सीजेआई ने कहा, “सबसे पहले, हम इस बात से बहुत चिंतित हैं कि पीड़िता का नाम मीडिया में छा गया है, तस्वीरें और वीडियो मीडिया में छाए हुए हैं, यह बेहद चिंताजनक है।”
प्रिंसिपल को तुरंत दूसरे कॉलेज ने कैसे किया नियुक्त
सीजेआई ने आगे कहा, “जब प्रिंसिपल के आचरण की जांच हो रही है, तो प्रिंसिपल को तुरंत दूसरे कॉलेज का प्रिंसिपल कैसे नियुक्त किया गया। सीबीआई को इस गुरुवार को एक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने की ज़रूरत है और हमें स्टेटस से अवगत कराने की ज़रूरत है और चूंकि यह संवेदनशील चरण है, इसलिए इसे सिर्फ़ हमें ही दिया जाए। आज हम एक आदेश पारित करेंगे।
राष्ट्रीय टास्क फोर्स का होगा गठन
सीजेआई ने कहा, “हम एक राष्ट्रीय टास्क फोर्स का गठन कर रहे हैं, हम चाहते हैं कि वे वरिष्ठ और जूनियर डॉक्टरों के लिए सुरक्षा उपायों के लिए देश भर में अपनाए जाने वाले तौर-तरीकों की सिफारिशें दें।” “एम्स आदि में नियुक्तियां 2 साल पहले ली जाती हैं, हम डॉक्टरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं, इसलिए हम डॉक्टरों से ईमानदारी से अनुरोध करते हैं कि वे हम पर भरोसा करें… यह किसी विशेष मामले का मामला नहीं है, बल्कि ऐसा कुछ है जो पूरे भारत में स्वास्थ्य सेवा संस्थान को प्रभावित करता है।” सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा, “हम डॉक्टरों से काम पर लौटने का अनुरोध करते हैं और अगर मरीज अपनी जान गंवाते हैं… तो हम डॉक्टरों से अपील करते हैं कि हम उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यहां हैं।”