खान सर ने कहा- उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं
खान ने संवाददाताओं से कहा, “केवल एक सप्ताह बचा है… यह कितना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमें अपनी मांग के लिए चाणक्य की धरती पर प्रदर्शन करना पड़ रहा है और वह भी परीक्षाओं से ठीक एक सप्ताह पहले। हम चाहते हैं कि अध्यक्ष (बीपीएससी) यह कहें कि नार्मललाइजेशन नहीं होगा और परीक्षाएं एक ही पाली में होंगी तथा सभी छात्रों को एक ही पेपर दिया जाएगा… हमें किसी से कोई व्यक्तिगत शिकायत नहीं है। प्रक्रिया अच्छी हो सकती है, लेकिन इसे लागू करने वाला व्यक्ति भी अच्छा होना चाहिए। क्या वे हमें इसका आश्वासन दे सकते हैं? जब तक नार्मललाइजेशन को समाप्त करने का आश्वासन नहीं मिल जाता, हम यहां से नहीं हटेंगे।” खान सर ने आगे कहा कि उनका राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और वे उन लोगों के साथ खड़े होंगे जो उनकी मांगों को सुनेंगे।
एक शिफ्ट, एक परीक्षा और एक पेपर
खान ने कहा, “हम पुलिस प्रशासन से अनुरोध करते हैं कि वे समझें कि आपके बच्चे भी यहीं पढ़ रहे हैं। हम उन्हें पढ़ाते भी हैं। हम संविधान में विश्वास करते हैं। इसलिए हम सड़कों पर प्रदर्शन नहीं कर रहे हैं। हम संवैधानिक तरीके से विरोध करने के लिए धरना स्थल पर पहुंचे हैं। हम सुनिश्चित करेंगे कि नार्मललाइजेशन (प्रक्रिया) रद्द हो। हमें BPSC से कोई उम्मीद नहीं है। हमें सरकार से उम्मीद है। हमें राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। हम उन लोगों के साथ खड़े होंगे जो हमारी मांगों को सुनेंगे।” खान ने प्रदर्शनकारी छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “हम ऐसा नहीं होने देंगे। यह नहीं चलेगा। एक शिफ्ट, एक परीक्षा और एक पेपर। अगर छात्रों का समय बर्बाद होता है, तो उन्हें अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए। परीक्षा की तिथि में विस्तार दिया जाना चाहिए। सर्वर में गड़बड़ी के कारण जिन छात्रों के फॉर्म स्वीकार नहीं किए गए हैं, उन्हें स्वीकार किया जाना चाहिए।”