तीनों कृषि कानूनों की वापसी पर भड़कीं कंगना रनौत, जानिए अब क्या कहा
अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) ने भी कृषि कानून वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। यही नहीं इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर विवादित बयान दे डाला है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ( PM Narendra Modi ) ने तीनों कृषि कानूनों ( New Farm Law ) को निरस्त करने का ऐलान कर दिया। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद से ही लगातार प्रतिक्रियाएं सामने आ रही हैं। राजनीतिक दलों से लेकर किसान संगठनों तक तमाम लोग केंद्र सरकार के इस फैसले को लेकर अपनी-अपनी बात सामने रख रहे हैं।
वहीं अपने बयानों से सुर्खियों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनौत ( Kangana Ranaut ) ने भी कृषि कानून वापस लेने के केंद्र सरकार के फैसले पर नाराजगी जाहिर की है। यही नहीं इसके साथ ही उन्होंने एक बार फिर विवादित बयान दे डाला है।
यह भी पढ़ेँः किसानों आंदोलन के आगे झुकी मोदी सरकार, माफी मांगी और वापस लिए तीनों कृषि कानून अकसर अपने बयानों से सुर्खियों में बनी रहने वालीं अभिनेत्री कंगना रनौत ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ऐलान पर कंगना नाखुश नजर आईं। कंगना रनौत ने कृषि कानूनों की वापसी को दुखद और शर्मनाक बताया।
ट्वीटर पर बैन होने के बाद कंगना ने अपनी ये प्रतिक्रिया इंस्टाग्राम के जरिए दी। इंस्टाग्राम पर कंगना रनौत ने लिखा- मोदी सरकार का यह फैसला पूरी तरह से अनुचित है। कंगना रनौत ने कहा कि अगर संसद में चुनी हुई सरकार के बदले सड़कों पर लोगों ने कानून बनाना शुरू कर दिया तो यह एक जिहादी राष्ट्र है। उन सभी को बधाई जो ऐसा चाहते थे।
किसानों को बताया था आतंकी दरअसल इससे पहले कृषि बिल के समर्थन में कंगना ने किसानों को आतंकी तक कह दिया था। उन्होंने लिखा था- प्रधानमंत्री जी कोई सो रहा हो उसे जगाया जा सकता है, जिसे गलतफहमी हो उसे समझाया जा सकता है मगर जो सोने की एक्टिंग करे, नासमझने की एक्टिंग करे उसे आपके समझाने से क्या फर्क पड़ेगा? ये वही आतंकी हैं CAA से एक भी इंसान की सिटिजेन्शिप नहीं गई लेकिन इन्होंने खून की नदियां बहा दीं।
कंगना के इस ट्वीट के बाद #Arrest_Castiest_Kangna समेत अलग-अलग हैशटैग ट्रेंड करने लगे और उसमें कंगना रणौत को गिरफ्तार करने की मांग उठने लगी। एक्ट्रेस के खिलाफ आईपीसी के सेक्शन 44, 108, 153, 153 A और 504 के तहत दर्ज किया गया था।