नड्डा यूं तो हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर के रहने वाले हैं, लेकिन जन्म उनका बिहार के पटना में 2 दिसंबर 1960 को हुआ। जेपी आंदोलन से जुड़कर 1975 में राजनीति में उतरे। पटना विश्वविद्यालय से बीए करने के साथ छात्रसंघ के सेक्रेटरी बने। हिमाचल यूनिवर्सिटी से कानून की शिक्षा ले चुके नड्डा 1987 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाने के कारण 45 दिनों तक निरुद्ध रहे। वे 1991 में 31 साल की उम्र में वे भाजयुमो के राष्ट्रीय अध्यक्ष बन गए थे। हिमाचल की बिलासपुर विधानसभा सीट से 1993 में पहली बार विधानसभा चुनाव लड़े और 2012 तक तीन बार विधायक रहे। इस दौरान वे राज्य में विभिन्न विभागों के मंत्री रहे। वे 2012 से लगातार राज्यसभा सदस्य हैं।
महासचिव के बाद बने राष्ट्रीय अध्यक्ष
नड्डा 2010 से नितिन गडकरी, राजनाथ सिंह और अमित शाह के अध्यक्षीय काल में पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बने। शाह के 2019 में गृहमंत्री बन जाने के बाद वे कार्यकारी राष्ट्रीय अध्यक्ष बने और 20 जनवरी 2020 को उन्होंने राष्ट्रीय अध्यक्ष का ओहदा संभाला।
स्वास्थ्य मंत्री रहते गेमचेंजर स्कीम बनाई
मोदी की पहली सरकार में उन्हें देश के स्वास्थ्य मंत्री की जिम्मेदारी मिली थी। इस दौरान देश के करीब 55 करोड़ लोगों को सालाना पांच लाख रुपये तक मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान करने वाली ‘आयुष्मान योजना’ को उन्होंने धरातल पर उतारा। इसके अलावा सस्ती जेनरिक देवाओं की उपलब्धता के लिए पीएम जन औषधि केंद्र खोलने की भी नड्डा ने शुरुआत की। अस्पतालों का डिजिटलीकरण करके स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में सुधार का प्रोजेक्ट शुरू किया। नड्डा ने देश के अलग-अलग हिस्सों में नए एम्स बनाने की भी शुरुआत की। उनके स्वास्थ्य मंत्री के कार्यकाल में मातृ मृत्यु दर (एमएमआर) का आंकड़ा में 44000 से नीचे गिरकर 32,000 पहुंचा।
सेवा ही संगठन अभियान ने बनाया रिकॉर्ड
राष्ट्रीय अध्यक्ष कार्यकाल के दौरान भाजपा को राजनीतिक नहीं सेवा संगठन के रूप में ढालने में सफल रहे। कोविड महामारी के समय ‘सेवा ही संगठन’ अभियान चलाकर देश के 900 से अधिक जिलों में 220 मिलियन से अधिक खाद्य किट, 50 मिलियन राशन किट और 56.6 मिलियन फेस मास्क वितरण का रिकॉर्ड बनाया। चुनौतियां
- 70 साल से अधिक उम्र के सभी व्यक्तियों को आयुष्मान योजना का लाभ देना
- एम्स दिल्ली की तरह अन्य एम्स में भी गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएं
- सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त बेड सहित अन्य क्षमता बढ़ाना
- दवाओं की गुणवत्ता बढ़ाना