जेएमएम नेता ने कहा कि राज्यपाल ने जब कह दिया है कि उनकी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है कि चुनाव अयोग ने इस मामले को लेकर कोई पत्र भेजा है। जो बात राज्यपाल को नहीं पता वो बात बीजेपी वालों को पता लग जाती है। चुनाव आयोग को स्वतः संज्ञान लेना चाहिए और ऐसे लोगों पर आपराधिक मुकदमा दर्ज करना चाहिए। ऐसा लग रहा है कि इस मामले की पूरी पटकथा बीजेपी वाले लिख रहे है। पंडित दीनदयाल मार्ग में ये पटकथा लिखी गई हो। बता दें कि दिल्ली के पंडित दीनदयाल मार्ग पर बीजेपी का हेड ऑफिस है।
गौरतलब हो कि चुनाव आयोग ने झारखंड सीएम हेमंत सोरेन पर लाभ के पद पर होने के आरोपों पर अपनी सिफारिश राज्यपाल को भेजी है। इसमें EC ने हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द करने की भी सिफारिश की है। इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री आवास में सभी विधायकों को बुलाया गया है। झामुमो के साथ-साथ कांग्रेस और राजद के विधायक पहुंच रहे हैं।
कांग्रेस भवन से प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर समेत अन्य विधायक मुख्यमंत्री आवास के लिए रवाना। हेमंत सोरेन सरकार के कुछ मंत्री और एडवोकेट जनरल भी सीएम आवास पर पहुंच गए हैं। हेमंत सोरेन की पार्टी जेएमएम ने अपने सभी विधायकों को शाम तक रांची पहुंचने के लिए कहा है। वहीं कहा जा रहा है कि राज्यपाल रमेश बैस भी दिल्ली से रांची पहुंच गए हैं।
झारखंड के मुख्यमंत्री और बरहेट के विधायक हेमंत सोरेन के खनन पट्टा लीज मामले में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने अपना फैसला सुना दिया है। ECI ने अपने फैसले से झारखंड राजभवन को अवगत करा दिया है। जानकारी मिली है कि भारत निर्वाचन आयोग ने राज्यपाल रमेश बैस को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के आफिस आफ प्राफिट (लाभ का पद) मामले में अपनी अनुशंसा भेज दी है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की विधानसभा सदस्यता रद्द होगी या उन्हें क्लीनचिट मिल जाएगा, इसका खुलासा अब जल्द ही होने की संभावना है।
चुनाव आयोग का पत्र राजभवन पहुंचने के बाद झारखंड की राजनीती गर्मा गई है। वहीं, आयोग का पत्र राज्यपाल के पास पहुंचने के बाद सत्ता व राजनीतिक नेताओं की नजर अब राज्यपाल पर टिकी हुई है। राज्यपाल रमेश बैस अभी दिल्ली में हैं। आज यानी गुरुवार को वह दिन के करीब एक बजे रांची पहुंचेंगे। इसके बाद ही राजभवन की तरफ से कोई संदेश CMO भेजा जा सकता है।
राजभवन द्वारा उठाए जाने वाले कदमों के बाद ही सीएम हेमंत सोरेन की तरफ से किसी तरह की प्रतिक्रिया होगी। बताया जा रहा है कि चुनाव आयोग ने सीएम की विधायिकी को रद्द करने का फैसला लिया है। चुनाव आयोग ने लाभ के पद पर होने के आरोपों पर भी अपनी राय भेजी है। अब इस बारे में राज्यपाल की तरफ से आखिरी फैसला जारी किया जाएगा और उससे ये साफ हो पाएगा की अभी सदस्यता जा रही है तो उससे आगे क्या सोरेन चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं।
बता दें कि सत्ता में रहते हुए सोरेन ने खुद ही खदान का पट्टा अपने नाम करवा लिया था। इसका खुलासा भाजपा के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया था। इसके बाद भाजपा ने इस संबंध में राज्यपाल रमेश बैस से शिकायत की थी। निर्वाचन आयोग में इस मामले को लेकर लंबी सुनवाई चली। अब इस मामले को लेकर कहा जा रहा है कि शाम तक राजभवन इस बारे में कोई कदम जरूर उठाएगा।
विधानसभा सदस्यता रद्द करने की खबरों को लेकर झारखंड CMO का बयान सामने आया है। बयान में कहा गया है कि इस मामले में CMO को ECI या राज्यपाल से कोई जानकारी नहीं मिली है।