राज्य में कांस्टेबलों की नियुक्ति के लिए 2015 में विज्ञापन निकाला गया था और वर्ष 2018 में नियुक्ति प्रक्रिया पूरी कर ली गई थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि झारखंड सरकार की ओर से जिस नियमावली के तहत नियुक्ति की गई है, वह पुलिस मैन्युअल के विपरीत है। नियमावली में न्यूनतम क्वालिफाइंग मार्क्स की शर्त लगाना भी गलत है।
हाईकोर्ट ने पूर्व में इन याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कहा था उसके अंतिम आदेश से नियुक्ति प्रक्रिया प्रभावित होगी। इसे लेकर नियुक्त कांस्टेबलों को नोटिस जारी किया गया था और उन्हें पक्ष रखने का मौका दिया गया था। इधर राज्य सरकार ने सुनवाई के दौरान अपना पक्ष रखते हुए कहा था कि उसे यह अधिकार है कि नियमावली में बदलाव करते हुए रूल फ्रेम कर सके।