RCP सिंह पर 9 साल में 58 प्लॉट खरीदने का गंभीर आरोप लगा है। संपत्ति का ब्योरा JDU के ही नेताओं ने जुटाया है। पार्टी का आरोप है कि जेडीयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ने इस बात को छिपाए रखा। पार्टी ने इसे भ्रष्टाचार के मोर्चे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ‘जीरो टॉलरेंस’ की नीति के खिलाफ माना है। उमेश कुशवाहा ने RCP सिंह को पत्र में लिखा है कि आपके द्वारा आपके परिवार के नाम से साल 2019 से 2022 तक अकूल संपत्ति दर्ज कराई गई है।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने लिखा, “नालंदा जिल में JDU के दो कार्यकर्ताओं ने सबूत के साथ शिकायत दर्ज कराई है। आपके और आपके परिवार के नाम से साल 2013 से 2022 तक अकूत संपत्ति रजिस्टर्ड कराई गई है। इसमें कई प्रकार की अनियमितता दिखाई देती हैं।” उन्होंने आगे लिखा, “आप लम्बे समय से दल के सर्वमान्य नेता नीतीश कुमार के साथ अधिकारी एवं राजनीतिक कार्यकर्ता के रूप में काम करते रहे हैं।”
उमेश कुशवाहा ने कहा, “उन्होंने आपको दो बार राज्यसभा का सदस्य, पार्टी का राष्ट्रीय महासचिव, राष्ट्रीय अध्यक्ष और केंद्र में मंत्री के रूप में कार्य करने का अवसर पूरे विश्वास और भरोसे के साथ दिया।”आप इस बात को भी जानते है की नीतीश कुमार भ्रष्टाचार के जीरो टॉलरेन्स पर काम करते रहे हैं और इतने लम्बे समय से सार्वजनिक जीवन के बावजूद नेता पर कभी कई दाग नहीं लगा और न उन्होंने कोई संपत्ति बनाई।”
पार्टी ने RCP सिंह से इस मामले में जवाब मांगा है। बता दें कि यूपी कैडर के IAS अधिकारी रहे RCP सिंह कभी नीतिश कुमार के बेहद करीबी माने जाते थे। RCP सिंह JDU के कोटे से दो बार राज्ससभा भेजे गए और केंद्र में मंत्री भी रहे। बताया जाता है कि पार्टी ने जब RCP सिंह की जगह खीरू महतो को राज्यसभा भेजा तब से उनके और नीतिश कुमार के संबंध खराब होने लगे। वहीं अब उमेश कुशवाहा ने जिस प्रकार से पत्र लिखा है, उससे साफ है आने वाले दिनों में पार्टी कोई बड़ी कार्रवाई उन पर कर सकती है।