इससे पहले ही पुलिस ने उनके घर के मेन गेट को बंद कर दिया है। महबूबा की गतिविधियों पर पूरी तरह से नजर रखी जा सके, इसके लिए बाकायदा से मेन गेट के साथ ही बीपी वाहन भी तैनात कर दिया गया है।
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Jammu Kashmir: आतंकियों के निशाने पर सिक्योरिटी कैंप, फिदायीन हमले की आशंका बीजेपी नेता पर कार्रवाई क्यों नहीं?सुरक्षा कारणों से महबूबा मुफ्ती को शोपियां जाने की इजाजत नहीं मिली है। महबूबा ने जम्मू-कश्मीर पुलिस और उपराज्यपाल प्रशासन को ट्वीट किया कि भारत निश्चित रूप से सभी लोकतंत्रों की जननी है लेकिन एक पूर्व BJP विधायक के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, जो कश्मीरियों के नरसंहार का आह्वान करता है, जबकि जम्मू-कश्मीर के छात्रों पर सिर्फ विजेता टीम का उत्साह बढ़ाने पर देशद्रोह का आरोप लगाया जाता है।
पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती सोमवार को शाहिद अहमद राथर के घर जाने की योजना बना रही थीं। शाहिद की संदिग्ध परिस्थितियों में गोली लगने से मौत हो गई थी। वह मूल रूप से दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग जिले का निवासी था। दिहाड़ी मजदूर के तौर पर वह शोपियां के एक किसान के सेब के बगीचे में काम करता था।
वहीं पीडीपी के एक नेता ने सरकार पर हमला करते हुए कहा कि संदिग्ध परिस्थितियों में मारे गए व्यक्ति के परिवार को सांत्वना देना अब अपराध हो गया है। यह भी पढ़ेँः
Jammu Kashmir: कई जिलों में NIA की छापेमारी, सोपोर में राशिद गनी और उमर डार के घर पर भी मारी रेड उन्होंने सवाल किया कि, क्या सरकार की ओर से किसी ने परिवार को सांत्वना देने के लिए उसके घर का दौरा किया है। क्या प्रशासन ने घटना की कोई जांच शुरू की है या पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की घोषणा की है?
बता दें कि इससे पहले पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को बीते महीने की नौ तारीख को नजरबंद रखा गया था। इसकी जानकारी उन्होंने ट्वीट कर दी थी।