कश्मीर नहीं अब ये इलाका बना भारत का टेरर हब, 3 साल में हुए 30 आतंकी हमले
Jammu kashmir: पाकिस्तान ने कश्मीर में कभी धर्म के नाम पर हिंदूओं का नरसंहार तो कभी सेना के जवानों पर कायराना हमला कराके घाटी को दहलाने की कोशिश की है।
जम्मू-कश्मीर दुनिया के सबसे खूबसूरत टूरिस्ट स्पॉट में एक है। लेकिन भारत माता का ये ताज 90 के दशक से ही बारूद के ढ़ेर पर बैठा हुआ है। इसके पीछे का कारण है इसकी भौगलिक स्थिती जो भारत को यूरोप से जोड़ता है। दरअसल, बंटवारे के बाद से ही पाकिस्तान इस बर्फ की सफेद चादर को ओढ़ें और प्राकृतिक खूबसूरती से भरे राज्य पर अपना कब्जा चाहता था, लेकिन कश्मीर के महाराज हरि सिंह ने कश्मीर का विलय भारत में कर दिया। इस बात से नाराज पड़ोसी इस सूबे में हमेशा आतंकी हमला कराता रहा है।
घाटी से धारा 370 के हटने के बाद आतंकियों ने बदला ठिकाना पाकिस्तान ने कश्मीर में कभी धर्म के नाम पर हिंदूओं का नरसंहार तो कभी सेना के जवानों पर कायराना हमला कराके घाटी को दहलाने की कोशिश की है। लेकिन 5 अगस्त 2019 को कश्मीर से धारा 370 के हटाए जाने और प्रदेश को केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने के बाद से न सिर्फ पाकिस्तान ने अपना रणनीति बदली बल्कि आतंकियों ने भी अपना ठिकाना बदल लिया। इसके कई उदाहरण हाल में देखने के लिए भी मिला, जब कश्मीर की जगह आतंकियों ने जम्मू के इलाके में हमला करके सेना के जवानों को साथ ही आम लोगों की भी जान ले ली।
ये इलाका बना भारत का टेरर हब सोमवार देर शाम जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले के मछेड़ी इलाके में गश्त कर रहे सुरक्षा बलों की एक ट्रक पर छिपकर आतंकवादियों ने हमला कर दिया। इस हमले में 5 जवान शहीद हो गए। वहीं, मंगलवार को बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान शुरू किया। आतंकवादियों की संख्या तीन बताई जा रही है। घाटी में जब से धारा 370 को हटाया गया है तभी से आतंकी हमले अब जम्मू में हो रहे हैं। सेना की तरफ से दी गई जानकारी के मुताबिक 2021 के मध्य से लेकर अब तक जम्मू क्षेत्र में करीब 30 आतंकवादी हमले हुए हैं।