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बांग्लादेश में अत्याचार के खिलाफ इस्कॉन का आज दुनियाभर में अनोखा प्रदर्शन, भारत में भी लोगों में जबरदस्त आक्रोश

Violence Against Hindus: पड़ोस में अशांति, विरोध में इस्कॉन का आज दुनियाभर में ‘प्रार्थना और जप’। कुछ करो सरकार! बांग्लादेशी हिंदुओं पर अत्याचार रोकने की उठी आवाज।

नई दिल्लीDec 01, 2024 / 09:57 am

Shaitan Prajapat

Violence Against Hindus: बांग्लादेश में शेख हसीना की सरकार को अपदस्थ करने के बाद से अल्पसंख्यक हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय धार्मिक संगठन इस्कॉन से जुड़े साधु-संतों और मंदिरों को खास तौर पर निशाना बनाया जा रहा है। दुनियाभर में हो रही आलोचनाओं को दरकिनार करते हुए कट्टरपंथियों के आगे झुकी मोहम्मद यूनुस की अंतरिम सरकार ने इस्कॉन के दो और संन्यासी रुद्र नाथ श्याम सुंदर दास प्रभु और रुद्रप्रोति केसब दास प्रभु को भी बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर लिया। इन दोनों को देशद्रोह के आरोप में सोमवार को गिरफ्तार ब्रह्मचारी चिन्मय दास प्रभु से जेल में ‘मुलाकात करने के जुर्म’ पर पकड़ा गया है। ये चिन्मय दास को भोजन, दवा और पैसा देने गए थे।
हिंदुओं और मंदिरों पर आए दिन हो रहे हमलों को रोकने की दिशा में प्रभावशाली कदम नहीं उठाए जाने से न सिर्फ बांग्लादेश बल्कि भारत में भी नाराजगी बढ़ती जा रही है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) सहित कई संगठनों ने हमलों को रोकने के लिए हरसंभव उपाय करने का आह्वान किया है। इस्कॉन ने इन हमलों के विरोध में रविवार (एक दिसंबर) को दुनियाभर में ‘प्रार्थना और जप’ करने का निर्णय किया है।

संघ का आग्रह, भारत सरकार करे हरसंभव उपायः

आरएसएस के सरकार्यवाह दत्तात्रेय होसबाले ने कहा, ‘इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को अन्यायपूर्ण कारावास से मुक्त करें। बांग्लादेश में हिंदुओं और अन्य सभी अल्पसंख्यकों पर इस्लामिक कट्टरपंथियों द्वारा हमले, हत्या, लूट, आगजनी और महिलाओं पर हो रहे अमानवीय अत्याचार अत्यंत चिंताजनक हैं। संघ इसकी भर्त्सना करता है।’ उन्होंने कहा कि संघ भारत सरकार से भी यह आह्वान करता है कि वह बांग्लादेश में सभी अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों को रोकने के प्रयासों को हरसंभव जारी रखे और इसके समर्थन में वैश्विक अभिमत बनाने के लिए यथाशीघ्र आवश्यक कदम उठाएं।
दत्तात्रेय होसबाले ने कहा कि वर्तमान की बांग्लादेश सरकार और अन्य एजेंसियां इसे रोकने की जगह केवल मूकदर्शक बनी हुई हैं। विवशतावश बांग्लादेश के हिंदुओं द्वारा अपनी सुरक्षा के लिए लोकतांत्रिक पद्धति से उठाई गई आवाज को दबाने के लिए अन्याय और अत्याचार का नया दौर उभरता दिख रहा है। ऐसे ही शांतिपूर्ण प्रदर्शनों में हिंदुओं का नेतृत्व कर रहे इस्कॉन के संन्यासी चिन्मय कृष्ण दास को बांग्लादेश सरकार द्वारा कारावास भेजना अन्यायपूर्ण है।

विश्व समुदाय दबाव बनाएः विहिप

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने बांग्लादेश प्रशासन द्वारा इस्कॉन मंदिर के मुख्य पुजारी की गिरफ्तारी को कायरतापूर्ण और अलोकतांत्रिक घटना बताया है। विहिप ने कहा, विश्व समुदाय इन सब घटनाओं को संज्ञान में ले और बांग्लादेश के प्रशासन पर हिंदुओं के उत्पीड़न को रोकने का दबाव बनाए।
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धार्मिक आजादी को खतराः छात्र संगठन

मुस्लिम स्टूटेंड ऑफ इंडिया के चेयरमैन सुजात अली कादरी ने अल्पसंख्यकों के प्रति हो रही हिंसा को रोकने में बांग्लादेश की अंतरिम सरकार की विफलता पर चिंता प्रकट करते हुए कहा कि हिंदुओं, अहमदिया मुस्लिम, सूफी बरेलवी और ईसाइयों की सुरक्षा के लिए सरकार कुछ नहीं कर रही है। इससे भारत ही नहीं, एशिया में धार्मिक सुरक्षा को खतरा पैदा हो गया है।

भारत से रिश्ते अब बदल गएः बांग्लादेश

ढाका। बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय के सलाहकार मोहम्मद तौहिद हुसेन ने कहा कि पांच अगस्त को शेख हसीना सरकार अपदस्थ होने के बाद से भारत के साथ रिश्ते बदल गए हैं। उन्होंने कहा कि इस सच्चाई को स्वीकार करते हुए भारत से संबंध सुधारे जा सकते हैं। भारत सरकार को यह तय करना होगा कि बदली हुई स्थिति में कैसे आगे बढ़ें।

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