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सैफ अली खान पर हमला इंटरनेशनल साजिश तो नहीं… आरोपी ने कैसे की भारत में घुसपैठ? इस्लाम से पूछेगी मुंबई पुलिस

Saif Ali Khan Attack: अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाला आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद (30) को गिरफ्तार कर लिया गया। वह बांग्लादेशी है।

नई दिल्लीJan 20, 2025 / 02:14 pm

Shaitan Prajapat

Saif Ali Khan Attack: अभिनेता सैफ अली खान पर हमला करने वाला आरोपी मोहम्मद शरीफुल इस्लाम शहजाद (30) को रविवार तडक़े ठाणे से गिरफ्तार कर लिया गया। वह बांग्लादेशी है। अवैध रूप से भारत में प्रवेश के बाद उसने अपना नाम बदलकर विजय दास रख लिया था। वारदात के बाद वह बांग्लादेश भागने की फिराक में था। पुलिस के मुताबिक शरीफुल चोरी के इरादे से ही सैफ अली के मकान में घुसा था, लेकिन वह नहीं जानता था कि मकान किसका है। कोर्ट ने उसे पांच दिन के पुलिस रिमांड पर सौंप दिया है।

रिमांड आवेदन में पुलिस ने ये 15 पॉइंट्स रखे हैं

पुलिस ने आरोपी की रिमांड आवेदन में 15 पॉइंट्स रखे है। पुलिस जानना चाहती है कि इस गंभीर अपराध के लिए आरोपी को किसने उकसाया, उसको हथियार कहां से मिला, अभिनेता पर हमला इंटरनेशनल साजिश तो नहीं, इस घटना में उसके साथ और कौन है, अभिनेता के घर में किस इरादे से घुसा आदि।
1- यह पता लगाने के लिए हिरासत में पूछताछ आवश्यक है कि क्या किसी ने आरोपी को अपराध करने के लिए उकसाया था।
2- आरोपी से यह जानकारी प्राप्त करने की आवश्यकता है कि उसे अभिनेता के घर का पता किसने दिया और इसमें शामिल लोगों को गिरफ्तार किया जाए।
3- आरोपी द्वारा पहने गए कपड़े, जिन्हें पुलिस ने कहा कि उसने बाद में छिपा दिया था, बरामद किए जाने की आवश्यकता है।
4- आरोपी “विजय दास” उपनाम से रह रहा था, यह समझने के लिए जांच की आवश्यकता है कि उसने यह नाम क्यों चुना।
5- जांचकर्ताओं को अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार के बचे हुए हिस्सों या टुकड़ों को फिर से खोजना होगा, जिन्हें आरोपी ने छिपाया हो सकता है।
6- जांचकर्ताओं को उस स्थान का पता लगाना होगा, जहां से आरोपी ने अपराध में इस्तेमाल किए गए हथियार को प्राप्त किया था, और उसे बरामद करना होगा।
7- आरोपी ने पासपोर्ट या वीजा के बिना बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश किया और वह अवैध रूप से भारत में रह रहा है। हिरासत में लेकर पूछताछ करने की आवश्यकता है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह बांग्लादेश से भारत में किस रास्ते से आया और वह देश में कैसे आया।
8- जांचकर्ता यह पता लगाना चाहते हैं कि क्या किसी ने आरोपी को बांग्लादेश से अवैध रूप से भारत में प्रवेश करने और उसके अवैध प्रवास में सहायता की थी।
9- जांचकर्ताओं का यह भी पता लगाना है कि क्या किसी ने आरोपी को भारत में उसके अवैध प्रवास के दौरान आश्रय प्रदान किया था।
10- आरोपी ने किस तारीख को भारत में प्रवेश किया और उसके अवैध प्रवास की अवधि क्या है?
11- क्या अपराध करने में आरोपी का कोई साथी था?
12- अपराध करने के पीछे आरोपी का “वास्तविक उद्देश्य” क्या था; क्या यह चोरी थी जैसा कि प्रारंभिक जांच से पता चलता है?
13- क्या आरोपी का भारत, बांग्लादेश या किसी अन्य देश में कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड था?
14- आरोपी बांग्लादेश से क्यों भाग गया और भारत में अधिकारियों से छिपने के लिए अपनी पहचान क्यों बदली?
15- क्या आरोपी उन लोगों के संपर्क में था जो बांग्लादेश, पाकिस्तान या अन्य देशों से अवैध रूप से भारत में घुसे थे?

5-6 महीने पहले मुंबई आया था आरोपी

मुंबई पुलिस को मिले बर्थ सर्टिफिकेट से शरीफुल के बांग्लादेशी नागरिक होने की पुष्टि हुई। डीसीपी दीक्षित गेडाम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि आरोपी 5-6 महीने पहले मुंबई आया था। वह एक हाउसकीपिंग एजेंसी में काम करता था। उसने अभिनेता के घर में घुसकर अपराध करने की बात कबूल की है। पुलिस ने उसके खिलाफ पासपोर्ट अधिनियम की धाराएं भी लगाई हैं, क्योंकि वह यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं दे सका कि वह भारतीय है। आरोपी का कोई पूर्व आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। पूछताछ के दौरान वह लगातार अपना नाम बदलता रहा। कभी उसने नाम बिजॉय दास बताया, कभी विजय दास तो कभी मोहम्मद इलियास, मोहम्मद सज्जाद और मोहम्मद आलियान। आरोपी पहले ठाणे के हीरानंदानी एस्टेट के एक होटल में काम करता था। वहां उसे बेस्ट एम्पलाई का अवॉर्ड दिया गया था। बाद में उसने काम छोड़ दिया था।

सीसीटीवी फुटेज और बाइक ने पहुंचा दिया ठिकाने तक

मुंबई पुलिस ने आरोपी को पकडऩे के लिए 35 टीमें लगा रखी थीं। पुलिस ने घटना से 10-15 दिन पहले की सीसीटीवी फुटेज भी खंगालीं। स्कैनिंग के दौरान अंधेरी के डीएन नगर इलाके की फुटेज में एक बाइक सवार किसी को ड्रॉप करता नजर आया। बारीकी से जांच में पता चला कि बाइक से उतरने वाला व्यक्ति ही हमलावर था। बाइक नंबर की डिटेल निकाली गई तो पुलिस को एक के बाद एक सुराग मिलने लगे। एक मोबाइल शॉप से मिले फुटेज में आरोपी मोबाइल कवर खरीदता दिखाई दे रहा था। सीसीटीवी के जरिए वर्ली कोलीवाड़ा इलाके में उसके घर का पता चला। वहां वह पांच अन्य लोगों के साथ एक कमरे में रह रहा था। मजदूरों के एक ठेकेदार ने भी पुलिस को हमलावर के बारे में जानकारी दी। पुलिस ने उसे ठाणे के एक मजदूर शिविर में खोज निकाला।

कमरे से भागा और झाडिय़ों में छिपा

पूछताछ और आरोपी के मोबाइल रिकॉर्ड के आधार पर पुलिस को पता चला कि वह ठाणे में एक कंस्ट्रक्शन साइट के मजदूर शिविर में गया था। रविवार तडक़े जब पुलिस ने शिविर को घेरा तो उसे भनक लग गई। वह कमरे से निकलकर घनी कंटीली झाडिय़ों में छिप गया। पुलिस ने उसे झाडिय़ों से निकाल कर गिरफ्तार कर लिया।

चाकू के तीसरे टुकड़े की बरामदगी बाकी

पुलिस ने आरोपी की बांद्रा कोर्ट में पेशी के दौरान बताया कि सैफ अली पर जिस चाकू से हमला हुआ था, उसका तीसरा टुकड़ा अब तक नहीं मिला है। एक टुकड़ा घटनास्थल पर मिला था, जबकि दूसरा सर्जरी के दौरान सैफ की रीड़ की हड्डी से निकाला गया था। फिलहाल पता लगाया जाना है कि तीसरा टुकड़ा आरोपी ने कहां फेंका। पुलिस के मुताबिक आरोपी ने सैफ अली के आवास में घुसने के लिए बिल्डिंग की उन सीढिय़ों का इस्तेमाल किया, जिन्हें आग लगने पर इस्तेमाल किया जाता है।
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संदिग्ध भी लपेटे में

पुलिस ने पहले संदिग्धों पर कार्रवाई की। छत्तीसगढ़ के दुर्ग में ट्रेन से 31 साल के व्यक्ति को हिरासत में लिया गया। हालांकि जांचकर्ताओं ने कहा कि वह संदिग्ध था, आरोपी नहीं। उसे छोड़ दिया गया है। शुक्रवार को भी पुलिस ने बांद्रा में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया था। पांच घंटे बाद उसे भी छोड़ दिया गया, क्योंकि पुलिस ने पाया कि उसका सैफ मामले से कोई संबंध नहीं है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि उसे इसलिए पकड़ा गया था, क्योंकि उसका चेहरा आरोपी से मिलता-जुलता था।

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