क्या हैं थीमैटिक-सेक्टोरल फंड:
अगर आप किसी कॉमन थीम से जुड़े स्टॉक्स में निवेश करते हैं, तो उसे थीमैटिक कहा जाता है। मान लीजिए आर हाउसिंग थीम में निवेश कर रहे हैं, तो इसमें सीमेंट, स्टील, पेंट, हाउसिंग फाइनेंस आदि से जुड़ी कंपनियों में निवेश शामिल होता है। वहीं अगर आप किसी स्पेशल इंडस्टी, ग्रुप या सेक्टर के शेयरों में निवेश करते हैं, तो उन्हें सेक्टोरल फंड्स कहा जाता है। जैसे आइटी, बैंकिग, पीएसयू आदि।
रिटर्न-जोखिम दोनों अधिक:
निवेश सलाहकार कार्तिक झवेरी का कहना है कि थीमैटिक और सेक्टोरल फंड हर किसी के लिए नहीं हैं। ये फंड एक या कुछ सेक्टर या थीम पर उम्मीदें टिकाए रखते हैं। ऐसे में सतर्क रहकर ही निवेश करें। एक्सपर्ट विजय मंत्री ने बताया कि इन फंड्स में लोगों की रुचि की वजह अधिक रिटर्न है, लेकिन इनमें जोखिम भी सबसे अधिक है।
क्या हैं नुकसान?
मॉर्निंगस्टार इन्वेस्टमेंट रिसर्च इंडिया के हिमांशु श्रीवास्तव के अनुसार, चूंकि ये फंड साइक्लिकल हैं, इसलिए निवेशकों को सेक्टर की डायनामिक्स पर नजर रखने और अपने निवेश का समय तय करने में कुशल होना चाहिए। अगर निवेशक में ऐसी स्किल नहीं है या वे वित्तीय सलाहकार से सलाह लिए बिना इनमे निवेष करते हैं तो इसमें नुकसान हो सकता है। जैसे आइटी फंड्स ने 2024 में लोगों को 2% निगेटिव रिटर्न दिया है, वहीं पीएसयू फंड्स का रिटर्न इस दौरान ३६त्न रहा है।