प्रणाली की खूबियां
- आयरन डोम वायु रक्षा प्रणाली है। इसमें लगे राडार, इंटरसेप्टर और प्रक्षेपास्त्र निर्धारित रेंज में आने वाले दुश्मन के फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स की पहचान कर इन्हें नष्ट कर देते हैं।
- एलआर सेम में 150, 250, 350 किमी की रेंज में दुश्मन के विमानों, ड्रोन, प्रक्षेपास्त्रों की पहचान के लिए अलग-अलग इंटरसेप्टर मिसाइल होंगी। यह सिस्टम रडार की पकड़ से दूर तेज गति से उडऩे वाले लक्ष्यों पर भी मारक साबित होगा।
- यह प्रणाली मौजूदा वायु रक्षा प्रणाली के साथ भी इंटीग्रेट हो सकती है। सेना के पास कम, मध्यम और लम्बी दूरी की रेंज में आने वाले सभी फ्लाइंग ऑब्जेक्ट्स को नष्ट करने की ताकत होगी।
एस-400 का बेहतर विकल्प, विदेशी निर्भरता भी घटेगी
विशेषज्ञों के मुताबिक एलआर-सेम एयर डिफेंस सिस्टम रूस से खरीदे गए एस-400 ट्रायम्फ सिस्टम का बेहतर विकल्प होगा। इसके तैयार हो जाने से विदेशी निर्भरता कम हो जाएगी। भारत ने रूस से पांच एस-400 का सौदा किया था। अब तक मिली तीन रेजिमेंट चीन और पाकिस्तान से सटी सीमा पर तैनात हो चुकी हैं। बाकी दो की आपूर्ति रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण अटकी हुई है।दो साल पहले मिली थी कमेटी की मंजूरी
सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी ने दो साल पहले एलआर-सेम प्रणाली विकसित करने के लिए प्रोजेक्ट कुश को मिशन-मोड प्रॉजेक्ट के रूप में मंजूरी दी थी। इसके बाद रक्षा मंत्रालय ने पिछले साल वायुसेना के लिए 21,700 करोड़ रुपए की लागत से इसके पांच स्क्वॉड्रन खरीदने को मंजूरी दी।एक्सपर्ट कमेंट
भारत अपनी वायु रक्षा की क्षमता को और मजबूत बनाने के लिए एलआर-सेम का निर्माण कर रहा है। यह प्रणाली इजरायल के आयरन डोम सिस्टम और रूस से लिए गए एस-400 एयर डिफेंस सिस्टम की तरह होगी। इसे इजराइल के साथ बनाए गए मध्यम दूरी की सतह से हवा में मार करने वाले मिसाइल सिस्टम (एमआर-सेम) और रूसी एस-400 वायु रक्षा प्रणाली के साथ इस्तेमाल किया जाएगा।-कर्नल (सेवानिवृत्त) मनीष ओझा