गौरतलब है कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण 4 दिसंबर 2023 को सिंधुदुर्ग में पहली बार आयोजित नौसेना दिवस समारोह के हिस्से के रूप में किया गया था। इसका उद्देश्य समुद्री रक्षा और सुरक्षा के प्रति मराठा नौसेना और छत्रपति शिवाजी महाराज की विरासत का आदर करना था। साथ ही इसका उद्देश्य आधुनिक भारतीय नौसेना के साथ इसके ऐतिहासिक जुड़ाव का सम्मान करना भी था। इस परियोजना की संकल्पना और संचालन भारतीय नौसेना द्वारा राज्य सरकार के समन्वय से किया गया था। राज्य सरकार की ओर से इसके लिए धन भी उपलब्ध कराया था।
भारतीय नौसेना का कहना है कि वह जल्द से जल्द प्रतिमा की मरम्मत और फिर से उसे स्थापित करने के सभी उपायों में सहायता करने के लिए प्रतिबद्ध है। सिंधुदुर्ग के राजकोट किले में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुए दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान पर भारतीय नौसेना ने इससे पहले बकायदा एक बयान जारी किया था। जिसमें नौसेना ने छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा को हुई क्षति पर गहरी चिंता व्यक्त की थी। शिवाजी महाराज की प्रतिमा का अनावरण सिंधुदुर्ग के नागरिकों के प्रति समर्पण के रूप में नौसेना दिवस पर किया गया था। नौसेना ने इस दुर्भाग्यपूर्ण दुर्घटना के कारण की तुरंत जांच करने और जल्द से जल्द मूर्ति की मरम्मत और पुन स्थापित करने के लिए कदम उठाने के लिए एक टीम की प्रतिनियुक्ति भी की है।