भारतीय नौसेना दिवस: आज का इतिहास
भारतीय नौसेना भारत और पाकिस्तान के बीच 1971 के युद्ध के दौरान अस्तित्व में आया। बांग्लादेश को पाकिस्तान से अलग कर उसे एक स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा दिलाने की यह लड़ाई 3 दिसंबर 1971 से शुरू होकर 16 दिसंबर 1971 तक चली। इस युद्ध के परिणामस्वरूप बांग्लादेश एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में दुनिया के नक्शे पर अपना अस्तित्व बनाने में कायम हो सका। इस युद्ध के दौरान भारतीय नौसेना में 4 दिसंबर 1971 की रात में ऑपरेशन ट्राइडेंट लॉन्च किया था। यह पाकिस्तान के कराची बंदरगाह से ऑपरेशन चंगेज खान की जवाबी कार्यवाही थी। भारतीय नौसेना का यह अभियान सफल रहा। भारतीय नौसेना के जवानों ने 1971 में आज के दिन पाकिस्तान के कराची बंदरगाह को बमबारी करके तबाह कर दिया था। इस हमले में सैकड़ों पाकिस्तानी जवान भी मारे गए।
भारतीय नौसेना ने ऑपरेशन कैक्टस भी चलाया
इस दौरान पाकिस्तान की पीएनएस गाजी पनडुब्बी को भारतीय नौसेना के जवानों ने पानी में डुबा दिया। इसमें आईएनएस विक्रांत की अहम भूमिका रही। इस अभियान का नेतृत्व कमोडोर कासरगोड पट्टानशेट्टी गोपाल राव ने सफलतापूर्वक किया। इस अभियान में भारतीय नौसेना को सफलता मिली और यही वजह है कि हम भारतीय आज के दिन को याद करते हैं। इस अभियान के बाद भारतीय नौसेना की ओर से ऑपरेशन कैक्टस भी चलाया गया।
भारतीय नौसेना दिवस मनाने का क्या है उद्देश्य?
भारतीय नौसेना दिवस देश की सेवा करने वाले वीर नाविकों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है। यह अवसर उन बहादुर दिलों को याद करने का दिन है जिन्होंने सर्वोच्च बलिदान दिया और हमारे देश की रक्षा की। इस अवसर पर भारतीय नौसैनिक परेड, प्रदर्शनी और नवीनतम नौसैनिक प्रौद्योगिकियों की क्षमता का भी सार्वजनिक प्रदर्शन करते हैं। यह अवसर भारतीय समुद्री सीमा की सुरक्षा के महत्व को भी बताने का भी अवसर है।