कारगिल एयरस्ट्रिप पर उतारा गया C-130J विमान
बता दें कि शनिवार और रविवार रात भारतीय वायुसेना को अपनी सी-130जे सुपर हरक्यूलिस विमान को रात के समय कारगिल हवाई पट्टी (एयरस्ट्रिप) पर उतारने में सफलता मिली है। इंडियन एयरफोर्स ने आतंकियों का विनाश करने के लिए अब दिन के अलावा रात में भी अपनी चौकसी बढ़ा रही है।
एयरफोर्स की तरफ से दिए गए वीडियो में देखा जा सकता है कि रात में संचालन के दौरान वायु सेना के कमांडोज को भी सुपर हरक्यूलिस विमान में बिठाकर कारगिल भेजा गया। यह कमांडोज उस ट्रेनिंग का हिस्सा थे, जिसमें इमरजेंसी के समय जल्द से जल्द मोर्च पर तैनाती के लिए जा सकते हैं।
गरुड़ कमांडो ने टेरेन मास्किंग ट्रेनिंग को दिया अंजाम
सोशल मीडिया हैंडल पर इसकी जानकारी देते हुए भारतीय वायु सेना ने कहा,”पहली बार वायुसेना के सी-130जे एयरक्राफ्ट ने कारगिल एयर स्ट्रिप पर रात के समय लैंडिंग की है। इस ट्रेनिंग के दौरान टेरेन मास्किंग का काम करते हुए गरुड़ कमांडो को भी तैनात किया गया।” बता दे कि टेरेन मास्किंग एक सैन्य रणनीति है, जिसका इस्तेमाल दुश्मन के रडार से बचने के लिए पहाड़ों, पहाड़ियों, जंगलों जैसे प्राकृतिक चीजों का इस्तेमाल किया जाता है। इसका उद्देश्य दुश्मन से छिपकर अपने मिशन को अंजाम देना होता है।
रात के समय लैंडिंग चुनौतीपूर्ण?
बता दें कि कारगिल चारों ओर से पहाड़ों से घिरा हुआ है। ऐसे में यहां पर लैंडिंग करना काफी चुनौतीपूर्ण होता है। सर्दियों के समय होने वाली बर्फबारी तो लैंडिंग को भी ज्यादा मुश्किल बना देती है। ऊपर से रात के समय बर्फबारी के बीच विमान को एयरस्ट्रिप पर लैंड करना बेहद मुश्किल होता है। विमानों को लैंडिंग के दौरान रात के अंधेरे में न सिर्फ पहाड़ों से बचना होता है, बल्कि लैंडिंग के लिए सिर्फ नेविगेशन का ही सहारा लेना पड़ता है।
क्या हैं सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान की खासियतें?
सी-130जे सुपर हर्क्यूलस विमान को उड़ाने के लिए कम से कम तीन क्रू मेंबर्स की जरूरत है, जिसमें दो पायलट और एक लोडमास्टर होता है। विमान में 19 टन सामान को लोड कर एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। यह चार रोल्स-रॉयस AE 2100D3 टर्बोप्रॉप इंजन के जरिए चलता है। अगर इसकी रफ्तार की बात करें, तो ये विमान एक घंटे में 644 किमी का सफर तय कर सकता है। यह बिना तैयार रनवे से छोटी उड़ान भरने और लैंडिंग में सक्षम है।