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भारतीय वायु सेना ने रचा इतिहास, एयरड्रॉप किया पहला स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल ‘भीष्म’, एक्स-रे से लेकर वेंटिलेटर..जानें खासियत

IAF BHISHM: भीष्म प्रोजेक्ट को स्वास्थ्य, रक्षा मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की टीम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। यह वाटरप्रूफ और बेहद हल्का है। इसमें एक साथ 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। यह पहला स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल है। इसे ड्रोन की मदद से कहीं ले भी जा सकते हैं।

नई दिल्लीMay 15, 2024 / 08:28 am

Akash Sharma

BHISHMA airdrop
IAF BHISHM: भारतीय वायु सेना ने मंगलवार को इतिहास रच दिया है। आगरा के मलपुरा ड्रॉपिंग जोन में संयुक्त टीम ने बैटल फील्ड हेल्थ इंफॉर्मेशन सिस्टम फॉर मेडिकल सर्विसेज (भीष्म) पोर्टेबल अस्पताल का सफल परीक्षण किया। दैवीय आपदा हो या फिर युद्ध का मैदान, अब किसी भी दशा में लोगों को त्वरित उपचार मुहैया करा जिंदगी बचाई जा सकेंगी। BHISHM प्रोजेक्ट को रक्षा, स्वास्थ्य मंत्रालय और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की टीम ने संयुक्त रूप से विकसित किया है। विमान से 1500 फीट से अधिक की दूरी से पोर्टेबल अस्पताल को दो पैराशूट के समूह से जमीन पर उतारा गया। क्यूबनुमा अस्पताल महज 12 मिनट में बनकर तैयार हो गया। यह वाटरप्रूफ और बेहद हल्का है। इसमें एक साथ 200 लोगों का इलाज किया जा सकता है। यह पहला स्वदेशी पोर्टेबल अस्पताल है। इसे ड्रोन की मदद से कहीं ले भी जा सकते हैं। इस अस्पताल को वायु, भूमि या फिर समुद्र में तैयार किया जा सकता है। हवाई वितरण अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (ADRDE) की टीम ने पैराशूट विकसित किए हैं। इसको कहीं पर भी उतारने में दो पैराशूट का प्रयोग किया जाता है।
BHISHMA airdrop in ayodhya agra

ऑपरेशन थियेटर, वेंटिलेटर के साथ ये सुविधाएं

भीष्म पोर्टेबल अस्पताल 36 क्यूब्स में तैयार किया गया है। इसे बनाने में 1.50 करोड़ रुपये की लागत आई है। इसे एक्स-रे,ऑपरेशन थियेटर, खून की जांच, वेंटिलेटर की सुविधा के साथ महज 8 मिनट में शुरू किया जा सकता है। इसमें गोली लगने, जलन, रीढ़ की हड्डी,सिर, और छाती की चोटें, फ्रैक्चर और प्रमुख रक्तस्राव सहित चोटों के इलाज की सुविधा रहेगी। इन सभी बॉक्स पर क्यूआर कोड लगाया गया है, इन पर एक्सपाइरी डेट दी गई है। आपदा के दौरान आम लोग भी इन बॉक्स को खोलकर जरूरी दवाएं और उपचार ले सकते हैं।

होते हैं रीयूजेबल 

भीष्म में मास्टर क्यूब केज के 2 सेट होते हैं।  यह क्यूब बहुत मजबूत होने के साथ हल्के होते हैं। प्रत्येक केज में 36 मिनी क्यूब होते हैं। इस अस्पताल को कई बार प्रयोग में लाया जा सकता है। इसकी पैकिंग ऐसी की जाती है कि भूमि पर गिरने के बाद खुलने में कोई दिक्कत न आए।

अयोध्या और G-20 में भी था BHISHMA

अयोध्या में श्रीराम लला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में भी भीष्म प्रोजेक्ट की यूनिट को लगाया गया था। इसके साथ डॉक्टरों की टीम को भी तैनात किया गया था। सितंबर 2023 में दिल्ली के प्रगति मैदान में आयोजित G-20 शिखर सम्मेलन के दौरान भी इसका प्रदर्शन किया गया था।

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