भारत के बाद दन देशों का नंबर
MyGovIndia के अनुसार, पिछले साल 2022 में 89.5 मिलियन डिजिटल लेनदेन के साथ भारत ने पांच देशों की लिस्ट में पहला स्थान बनाया है। 2022 में दुनिया में हुए कुल डिजिटल रियल टाइम पेमेंट्स में 46 प्रतिशत भारत में हुए हैं। हालांकि भारत के बाद लिस्ट में दूसरे नंबर पर ब्राजील 29.2 मिलियन, चीन 17.6 मिलियन, थाईलैंड 16.5 मिलियन और साउथ कोरिया 8 मिलियन के साथ पांचवें स्थान पर है।कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर
डिजिटल लेनदेन में अगर इन चारों देशों के आंकड़े मिलाए जाते हैं तो भारत टॉप पर है। इस बात की जानकारी खुद MyGovIndia ने ट्वीट कर दी है। ट्वीट में बताया गया कि डिजिटल भुगतान परिदृश्य में भारत का दबदबा बरकरार है। हम कैशलेस अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हैं। साल 2010 में चीन का ऑनलाइन भुगतान सभी देशों से ज्यादा था। यह भी पढ़े – रेल हादसे के बाद मुर्दाघर में तब्दील हुआ स्कूल ढहा, छात्रों ने पढ़ने से किया था इनकार
2014 के बाद से डिजिटल पेमेंट में तेजी
दरअसल, साल 2010 में चीन का डिजिटल ट्रांजेक्शन 1119 मिलियन था। जबकि दूसरे नंबर पर भारत का डिजिटल ट्रांजेक्शन 370 मिलियन था। इसके बाद से ही भारत डिजिटल पेमेंट के मामले में तेजी से आगे बढ़ रहा है। साल 2014 के बाद से इसमें लगातार बढ़ोतरी देखने को मिली है। ऑनलाइन भुगतान का ग्राफ 2023 में तेजी के साथ बढ़ रहा है। वहीं, चीन का ग्राफ गिरा है।बेगलुरु में सबसे ज्यादा डिजिटल भुगतान
पिछले साल की बात करें तो 2022 में मिले आंकड़ों के मुताबिक, सबसे ज्यादा डिजिटल भुगतान भारत के बेगलुरु में देखने को मिला है। जबकि दूसरे नंबर पर दिल्ली है। इसके बाद तीसरे नंबर पर मुंबई आया है। पिछले साल बेंगलुरू में 29 मिलियन टांजेक्शन दर्ज किए गए थे। जाहिर है कि डिजिटल पेमेंट को व्यापाक रूप से अपनाने के कारण भारत कैशलेस अर्थव्यवस्था की तरफ आगे बढ़ रहा है।देश की अर्थव्यवस्था को मिल रहा फायदा
भारत में डिजिटल पेमेंट को सफल बनाने का सबसे बड़ा श्रेय यूपीआई को जाता है, जिसे 2016 में लॉन्च किया गया था। इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से कहा गया था कि भारत डिजिटल पेमेंट में दुनिया में नंबर वन बन गया है और इससे ग्रामीण अर्थव्यवस्था को फायदा मिल रहा है।