अगर कोई जय इजराइल बोल देता तो ओवैसी हंगामा कर देते
उन्होंने कहा, “मैं ओवैसी से पूछना चाहता हूं कि आज अगर कोई जय इजराइल बोल देता तो क्या आप संसद में बैठते। आप संसद के बाहर आते हंगामा कर देते। आप कहते ये लोग फिलिस्तीन के विद्रोही हैं और इजरायल के समर्थक हैं, इस प्रकार के पुकार लगाते। अगर इतना ही फिलिस्तीन से प्यार है तो वहां जाकर लोगों के लिए खड़ा होना चाहिए। मैं उनको सलाह देना चाहता हूं कि उनको वहां चले जाना चाहिए। जाकर उनको पता लगेगा कि उनके जैसे लोगों की वहां क्या हैसीयत है।”
ओवैसी ने जो नारा लगाया उसे सही नहीं ठहरा सकते- शहाबुद्दीन बरेलवी
वहीं ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मुफ्ती शहाबुद्दीन रजवी बरेलवी ने कहा कि इजरायल और फिलिस्तीन का मुद्दा संजीदा है। ओवैसी ने शपथ के दौरान जय फिलिस्तीन का जो नारा लगाया है, उसे शरीयत और सियासत के लिहाज से सही नहीं ठहराया जा सकता। अगर उनको फिलिस्तीन की हिमायत करनी है तो वह वहां पर खाने पीने की चीजें भेजें। ऐसा न कर केवल इस तरह के बयान देकर वो देश में एक मुद्दे को खड़ा करना चाहते हैं। वो जो भी बात करते हैं, वो जज्बाती तौर पर भड़काने और उकसाने वाली होती है।
ओवैसी ने कभी मुसलमानों की मदद नहीं की उन्होंने कहा कि वो मुसलमानों की बुनियादी तौर पर कभी मदद नहीं करते हैं। उनको कोई भी बयान सोच समझ कर देना चाहिए। इंसानी बुनियादों और इस्लामी रिश्तों की बुनियाद पर उनको फिलिस्तीन जाकर वहां के मुसलमानों की मदद करनी चाहिए। ये सब न कर केवल वो मीडिया अटेंशन चाहते हैं और मुसलमानों के जज्बात से खेलना चाहते हैं। वो फिलिस्तीन एंबेसी से चंद कदमों पर रहते हैं। इजरायल और फिलिस्तीन युद्ध को आठ महीने हो गए, लेकिन ओवैसी न तो एंबेसी गए और न ही कोई हमदर्दी का इजहार किया। देश का मुसलमान उनकी हरकतों से वाकिफ हो चुका है, उनकी सियासत ज्यादा दिन तक चलने वाली नहीं है।
ओवैसी एक एजेंडे के तहत अपना काम कर रहे-बीजेपी
वहीं भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा कि ओवैसी एक एजेंडे के तहत अपना काम कर रहे हैं। ओथ टेकिंग एक पवित्र मामला था, उसमें राजनीति करना, धार्मिक मामला लाना निंदनीय है। किसी एक वोट बैंक के मद्देनजर नारा लगाया है। फिलिस्तीन भारत का मित्र देश है, अगर चर्चा करनी है तो संसद के अंदर कर लेते, इस तरह के नारे लगाना गलत है।