इतना मिला रिटर्न
फंड्स | 2021 | 2022 | 2023 |
फ्लोटर फंड्स | 4.1 | 4.5 | 7.7 |
गिल्ट फंड्स | 3.0 | 3.0 | 7.5 |
डायनैमिक बॉन्ड | 4.2 | 3.8 | 7.2 |
इसलिए मिलेगा अधिक रिटर्न
अमरीका, यूरोप और दूसरे पश्चिमी देशों में ब्याज दर कटौती की संभावना बहुत अधिक है। अमरीकी फेडरल रिजर्व ने दर 0.75त्न घटने का इशारा किया है। भारत में भी मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के कुछ सदस्य पहले ही दरों में कटौती की बात कह रहे हैं। क्वांटम एएमसी के पंकज पाठक ने कहा, इस कैलेंडर वर्ष की पहली छमाही या जून तक आरबीआइ का रुख बदल सकता है। जुलाई और सितंबर के बीच रेपो रेट में कटौती शुरू हो सकती है। दरें घटेंगी तो बॉन्ड की कीमत चढ़ेगी, जिससे डेट फंडों में बेहतर रिटर्न मिलना शुरू हो जाएगा।
लॉन्ग ड्यूरेशन फंड्स का रिटर्न
अवधि सालाना | औसत रिटर्न |
01 साल | 7.6 फीसदी |
03 साल | 3.7 फीसदी |
05 साल | 7.2 फीसदी |
07 साल | 6.6 फीसदी |
10 साल | 8.7 फीसदी |
कैसे बनाएं पोर्टफोलियो?
पोर्टफोलियो का कुछ हिस्सा अचानक आई जरूरतें पूरी करने के लिए लिक्विड फंड में होना चाहिए। ज्यादा जोखिम से बचाने के लिए 40-५०त्न रकम कम अवधि के फंड में डालिए। यह अवधि 1 साल से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। दरों में कटौती का फायदा उठाने के लिए डेट पोर्टपोलियो का 25-30त्न निवेश लंबी अवधि के डेट फंडों में भी करें। अगर उतार-चढ़ाव से महफूज रहना चाहते हैं तो डायनेमिक बॉन्ड फंड को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करें।