scriptHurriyat Conference पर बड़े एक्शन की तैयारी, UAPA के तहत केंद्र दोनों धड़ों पर लगा सकती है प्रतिबंध | Hurriyat Conference both likely to be banned by UAPA | Patrika News
राष्ट्रीय

Hurriyat Conference पर बड़े एक्शन की तैयारी, UAPA के तहत केंद्र दोनों धड़ों पर लगा सकती है प्रतिबंध

1993 में हुआ था Hurriyat Conference का गठन, 2005 के बाद ये दो गुटों में बंट गया

Aug 23, 2021 / 11:01 am

धीरज शर्मा

Hurriyat Conference likely to be ban by Central Govt
नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर ( Jammu and Kashmir ) में करीब दो दशक से अधिक समय से अलगाववादी गतिविधियों की अगुवाई कर रहे हुर्रियत कॉन्फ्रेंस ( Hurriyat Conference ) को बड़ा झटका लग सकता है। केंद्र सरकार इसके दोनों धड़ों पर एक्शन की तैयारी में है। कड़े अनलॉफुल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट (UAPA) के तहत केंद्र की ओर से हुर्रियत कॉन्फ्रेंस पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।
केंद्र की मोदी सरकार का कहना है कि उसने यहां जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी अपना रखी है। इसी जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी के तहत मोदी सरकार हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दोनों गुटों कट्टरपंथी और नरमपंथी को बैन कर सकती है।
यह भी पढ़ेंः Encounter In Pulwama: सुरक्षा बलों और आतंकियों के बीच पुलवामा में मुठभेड़, जैश-ए-मोहम्मद के तीन आतंकी ढेर


ये है बैन करने के पीछे वजह
धारा 370 हटने के बाद भी घाटी में आतंकियों की घुसपैठ रुकी नहीं, आए दिन सुरक्षाबलों से उनकी मुठभेड़ होती है और वे वहां के नेताओं को अपना निशाना बनाते रहते हैं।
अधिकारियों के मुताबिक पाकिस्तान स्थित संस्थानों की ओर से कश्मीरी छात्रों को MBBS सीट देने के मामले में हाल में की गई जांच से संकेत मिलता है कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का हिस्सा रहे कुछ संगठन उम्मीदवारों से इकट्ठा किए गए पैसे का उपयोग केंद्र शासित प्रदेश में आतंकवादी संगठनों के फंडिंग के लिए कर रहे हैं।
ऐसे में हुर्रियत के दोनों धड़ों को UAPA की धारा 3(1) के तहत प्रतिबंधित किए जाने की संभावना है। केंद्र सरकार को लगता है कि कोई संगठन एक गैर-कानूनी संगठन है या बन गया है, तो वह आधिकारिक राजपत्र में अधिसूचना द्वारा ऐसे संगठन को यूएपीए के तहत गैर-कानूनी घोषित कर सकती है।
1993 में हुआ हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन
दरअसल हुर्रियत कॉन्फ्रेंस का गठन 1993 में हुआ था। इसमें कुछ पाकिस्तान समर्थक और जमात-ए-इस्लामी, जेकेएलएफ (जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट) और दुख्तरान-ए-मिल्लत जैसे प्रतिबंधित संगठनों समेत कुल 26 समूह शामिल हुए।
इन्हीं समूहों में पीपुल्स कॉन्फ्रेंस और मीरवाइज उमर फारूक की अध्यक्षता वाली अवामी एक्शन कमेटी भी शामिल हुई।

यह भी पढ़ेंः जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक हलचल तेज, मंगलवार को ‘गुपकार’ की बैठक

2005 में दो गुटों में बंटा समूह
यह अलगाववादी समूह 2005 में दो गुटों में टूट गया। नरमपंथी गुट का नेतृत्व मीरवाइज और कट्टरपंथी गुट का नेतृत्व सैयद अली शाह गिलानी के हाथों में है।
केंद्र जमात-ए-इस्लामी और जेकेएलएफ को यूएपीए के तहत प्रतिबंधित कर चुका है। यह प्रतिबंध 2019 में लगाया गया था।

Hindi News / National News / Hurriyat Conference पर बड़े एक्शन की तैयारी, UAPA के तहत केंद्र दोनों धड़ों पर लगा सकती है प्रतिबंध

ट्रेंडिंग वीडियो