बहादुर शाह जफर के शेर के जरिए व्यक्त की पीड़ा
इसके बाद कांग्रेस नेता विक्रमादित्य ने अंग्रेजों द्वारा रंगून में निर्वासित अंतिम मुगल सम्राट बहादुर शाह जफर द्वारा लिखी गई पंक्तियां उद्धृत कीं और जफर की इन पंक्तियों के जरिये अपनी पीड़ा व्यक्त की- “कितना है बदनसीब जफर दफन के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में।” इन पंक्तियों का मतलब कुछ इस तरह से है- जफर कितना बदकिस्मत है कि उसे उस गली में दफनाने के लिए जमीन का एक छोटा सा टुकड़ा नहीं मिला जहां उसकी प्रेमिका रहती है।” मालूम हो कि बहादुर शाह जफर की मौत रंगून में हुई थी और जफर के कू-ए-यार का मतलब अपनी मातृभूमि से था।
‘जिनके नाम पर सरकार बनी, उसके लिए जमीन का एक टुकड़ा नहीं मिला’
विक्रमादित्य ने अपने आंसू बहुत मुश्किल से रोकते हुए कहा, ”मैं बहुत भारी मन से कह रहा हूं कि उन्हें (राज्य सरकार) उस शख्सियत की मूर्ति स्थापित करने के लिए मॉल रोड पर जमीन का एक टुकड़ा नहीं मिल सका जिसके नाम पर हमने सरकार बनाई थी। यह वह सम्मान है जो इस सरकार ने मेरे दिवंगत के प्रति दिखाया है।’
‘हमें पदों की परवाह नहीं, सम्मान चाहते हैं’
उन्होंने कहा, “हम भावुक लोग हैं। हमें पदों की परवाह नहीं है लेकिन सम्मान की चाहत है जो होनी चाहिए। बार-बार अनुरोध के बावजूद वे ऐसा नहीं कर सके। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। मैं राजनीतिक रूप से नहीं बल्कि भावनात्मक रूप से आहत हूं।” उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं पता कि ऐसा क्यों हुआ? मैंने यह मुद्दा पार्टी हाईकमान के सामने उठाया लेकिन कुछ नहीं हुआ। उन्हें इस पर गौर करना चाहिए। हिमाचल की जनता बहुत भावुक है। हर चीज को राजनीति के चश्मे से नहीं देखा जा सकता। एक बेटे के तौर पर मुझे बुरा लगा और मुझे उम्मीद है कि पार्टी इस पर ध्यान देगी।’
राज्य में 6 क्रॉस वोटिंग से कांग्रेस संकट में आई
राज्यसभा सीट के लिए हुए चुनाव में अपने छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस हिमाचल में संकट से जूझ रही है। बाद में विधायकों को हरियाणा के पंचकुला के एक रिसॉर्ट में ले जाया गया और भाजपा ने अब दावा किया है कि कांग्रेस ने सत्ता में बने रहने का जनादेश खो दिया है। 68 सदस्यीय विधानसभा में 40 विधायकों वाली पार्टी ने अब क्षति नियंत्रण के लिए वरिष्ठ नेताओं भूपिंदर सिंह हुड्डा और डीके शिवकुमार को हिमाचल भेजा है।
‘राज्य सरकार ने सत्ता में बने रहने का नैतिक अधिकार खो दिया’
हिमाचल प्रदेश के विपक्ष के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने कहा है, ”हाल ही में हिमाचल प्रदेश में जो घटनाक्रम हुआ है, उसे राजनीतिक दृष्टि से देखने पर यह कहा जा सकता है कि राज्य सरकार सत्ता में रहने का नैतिक अधिकार खो चुकी है।” हिमाचल प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने भाजपा के 15 विधायकों को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंड होने वाले 15 भाजपा विधायकों में जयराम ठाकुर, विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, लोकेंद्र कुमार, विनोद कुमार, हंस राज, जनक राज, बलबीर वर्मा, त्रिलोक जम्वाल, सुरेंद्र शोरी, दीप राज, पूरन ठाकुर, इंदर सिंह गांधी, दिलीप ठाकुर और इंदर शामिल हैं।
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