दरअसल अमित शाह के इस दौरे से ठीक एक दिन पहले ही देश के 13 राज्यों में NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने PFI (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी किया है, जिसमें अब तक 106 लोगों को गिरफ्तार किया है। NIA की इस कार्रवाई में PFI के पूर्णिया कार्यालय में भी छापेमारी हुई है, ऐसे में जब गृहमंत्री बिहार के पूर्णिया से ही रैली को संबोधित करने वाले हैं तो आतंकवाद, अलगाववाद और घुसपैठ का भी अपने भाषण में जिक्र कर सकते हैं।
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राजद (राष्ट्रीय जनता दल) और जदयू (जनता दल यूनाइटेड) पहले ही सीमांचल क्षेत्र में होने जा रही अमित शाह की रैली पर सवाल उठाने लगे हैं। उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि “अगर अमित शाह बिहार आ रहे हैं तो मैं पूछना चाहता हूं कि बिहार को विशेष दर्जा मिलेगा या नहीं? उनके बिहार दौरे का मकसद क्या है? वह मुसलमाओं और हिंदुओं को भड़काएंगे और कहेंगे कि बिहार में जगल राज है। इसको लेकर बीजेपी के ओर से रविशंकर प्रसाद ने जवाब देते हुए जमके निशाना साधा है।
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इस दौरे के जरिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का 2024 लोकसभा चुनाव से पहले अन्य राज्यों की तरह बिहार में भी पार्टी को मजबूत करने पर जोर रहेगा। इस रैली के लिए बेगूसराय से पार्टी के तेजतर्रार सांसद गिरिराज सिंह को पूर्णिया और किशनगंज के जिलों के लिए प्रभारी बनाया गया है। इन रैलियों के जरिए अमित शाह का पूरा जोर 2024 लोकसभा चुनाव बीजेपी को मजबूत करना है।