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अरबों की चपत लगने से ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ पर लगा ताला, रॉकेट हुए अदाणी के शेयर

Hindenburg Research Shuts Down: गौतम अदाणी की कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित कर भारत में सियासी बवंडर खड़ा करने वाली अमरीकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च अपना काम बंद कर रही है।

नई दिल्लीJan 17, 2025 / 10:11 am

Shaitan Prajapat

Hindenburg Research Shuts Down: चर्चित उद्योगपति गौतम अदाणी की कंपनियों के खिलाफ रिपोर्ट प्रकाशित कर भारत में सियासी बवंडर खड़ा करने वाली अमरीकी शॉर्ट-सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च अपना काम बंद कर रही है। इसके संस्थापक नैट एंडरसन ने गुरुवार को आधिकारिक रूप से यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि हम जिन विचारों पर काम कर रहे थे, उन्हें पूरा करने के बाद इसे बंद कर दिया जाएगा। हिंडनबर्ग का ये ऐलान ऐसे समय में आया है, जब अमरीका में राष्ट्रपति जो बाइडन का कार्यकाल पूरा होने में बस कुछ ही दिन बचे हैं और नए राष्ट्रपति के रूप में भारत के करीबी समझे जा रहे डॉनल्ड ट्रंप शपथ लेने जा रहे हैं। एक रिपब्लिकन सांसद ने अमरीकी न्याय विभाग से अदाणी से जुड़ी जांच से संबंधित सभी दस्तावेजों और संचार को सुरक्षित रखने का अनुरोध किया है। यानी हिंडनबर्ग की चुनौतियां बढ़ने वाली हैं।
हिंडनबर्ग की इस घोषणा के बाद भारत में सत्तारूढ़ भाजपा को विपक्षी दलों खासकर कांग्रेस को धेरने का एक और मौका मिल गया। अदाणी पर हिंडनबर्ग के खुलासों के बाद से ही भाजपा कह रही थी कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पटरी से उतारने के लिए निहित स्वार्थी गुटों का समूह सक्रिय है और नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी उसके इशारे पर काम कर रहे हैं। भाजपा हिंडनबर्ग रिपोर्ट को राष्ट्रहित के खिलाफ बताती रही है।

हमने साम्राज्यों को हिला दिया

हमारे काम के कारण लगभग 100 व्यक्तियों पर दीवानी या आपराधिक आरोप लगाए गए हैं, जिनमें अरबपति और कुलीन वर्ग शामिल हैं। हमने कुछ ऐसे साम्राज्यों को हिला दिया जिन्हें हिलाने की ज़रूरत थी।
-नैट एंडरसन, हिंडनबर्ग के संस्थापक
हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बारे में कहा गया कि राष्ट्रपति बाइडन के इशारे पर इस रिसर्च फर्म ने भारतीय हितों को प्रभावित करने की मंशा से काम किया और इसमें विवादास्पद निवेशक जॉर्ज सोरस की भी भूमिका रही है, जो भारत सरकार को अस्थिर करना चाहते हैं। हिंडनबर्ग रिसर्च बंद होने की सूचना के बाद अदाणी समूह के शेयरों में तेज ऊछाल देखा गया। समूह पहले से ही हिंडनबर्ग के खुलासों को साजिश बताती रही है।
हिडनबर्ग रिसर्च की स्थापना 1017 में की गई थी। इसके फाउंडर और प्रमुख विश्लेषक नेथन एंडरसन अलग-अलग कंपनियों के खिलाफ वित्तीय अनियमितता की रिपोर्ट प्रकाशित की थी। इसमें कथित रूप से वित्तीय धोखाधड़ी के मामले उजागर करने का दावा किया गया है। उनकी रिपोर्ट को मीडिया और कारोबार जगत में काफी गंभीरता से लिया जाता था। इससे खासकर लिस्टेड कंपनियों के शेयरों पर काफी बुरा असर पड़ता था।
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राहुल की सोच माओवादियों वालीः

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि कांग्रेस अब गंभीर राजनीतिक मुद्दों से भटक चुकी है। राहुल गांधी अर्बन नक्सल के चंगुल में फंसे हुए हैं। उनकी सोच माओवादियों वाली है। उन्होंने पूछा कि क्या कांग्रेस के अच्छे लोगों ने उन्हें समझाना बंद कर दिया है? भाजपा के आरोपों के बाद कांग्रेस के दिग्गज नेता भी राहुल के बचाव में सामने आए और कहा कि हिंडनबर्ग रिसर्च के बंद होने का मतलब आरोपों का गलत होना नहीं है।

सेबी की रडार पर है हिंडनबर्ग

अदाणी ग्रुप पर रिपोर्ट को लेकर बदनाम शॉर्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च भारतीय नियामकों, जैसे भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के रडार पर है। अदाणी ग्रुप पर रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों को सुप्रीम कोर्ट भी खारिज कर चुका है। अदाणी समूह उन रिपोर्टों को सार्वजनिक रूप से उपलब्ध जानकारी का दुर्भावनापूर्ण, शरारती और जोड़-तोड़पूर्ण कर पूर्व-निर्धारित निष्कर्ष तक पहुंचने वाला करार दे चुका है।

क्या हुआ था दो साल पहले

-जनवरी 2023 में, शॉर्ट-सेलर ने गौतम अदाणी के नेतृत्व वाले समूह पर गड़बडियों के आरोप लगाते हुए रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसके कारण समूह की कंपनियों के बाजार मूल्य में लगभग 65 प्रतिशत यानी 12.4 ट्रिलियन रुपए की गिरावट आई थी। हालांकि बाद में सेबी ने अदाणी समूह को क्लीन चिट दे दी थी।
-हिंडनबर्ग रिपोर्ट के कारण अदाणी एंटरप्राइजेज की 20,000 करोड़ रुपए की शेयर बिक्री को भी रोकने के लिए मजबूत होना पड़ा था। इसके अलावा, 2024 में, शॉर्ट-सेलर ने भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) की अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच पर आरोप लगाए।
-हिंडनबर्ग के आरोपों से बाजार नियामक के लिए राजनीतिक तूफान भी खड़ा हो गया, जिसके बाद सेबी अध्यक्ष माधवी पुरी बुच और उनके पति पर जांच की निष्पक्षता और हितों के टकराव पर सवाल उठाते हुए कई आरोप लगाए गए। सेबी ने हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भी भेजा था।

भारत के खिलाफ ली थी सुपारी

हिंडनबर्ग सुपारी लेकर भारत की अर्थव्यवस्था को बर्बाद करने और निजी मुनाफा कमाने की मंशा से काम कर रहा था। उस पर अमरीका में जांच चल रही है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इस रिपोर्ट को दरकिनार किया है लेकिन, यहां पर राहुल गांधी, एक पार्टी के विरोध में उतरते उतरते, भारत की इकोनॉमी के खिलाफ उतर गए।
-शहजाद पूनावाला, भाजपा प्रवक्ता

कंपनी बंद होने से क्लीन चिट नहीं

“कंपनी के बंद होने का यह मतलब नहीं है कि पूर्व में आई हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों पर अदाणी समूह को क्लीनचिट मिल गई। कांग्रेस अब भी जेपीसी की मांग पर अड़े हुए हैं। मामला बहुत गहरा है। पीएम के करीबी दोस्तों को अमीर बनाने के लिए विदेश नीति का दुरुपयोग किया जा रहा है।”
-जयराम रमेश, कांग्रेस महासचिव

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