अब तक का सबसे छोटा बम
पेजर बम ने अपनी नायाब तकनीक का प्रदर्शन किया है। 3 इंच के बम ने 40 लोगों की जान ले ली और तीन हजार से अधिक लोग घायल हैं। यह बम बहुत ही सटीकता और विनाशकारी क्षमता के साथ डिजाइन किया गया। यह अप्रत्याशित तरीकों से किया जाता है। यह अप्रत्याशित बम हमला था। इससे पहले एमके 82 (वजन 227 किलोग्राम) का सबसे छोटा विमान बम था। इसमें हर विस्फोटक में अलग-अलग सामग्री भरी होती है।
RDX या PETN कौन है सबसे खतरनाक विस्फोटक?
लेबनान और सीरिया में इस दशक का नायाब विस्फोट हुआ है। न कोई मिसाइल अटैक और न ही ड्रोन से हमला और दुश्मन बर्बाद। सिर्फ एक ही रेडियो फ्रीक्वेंसी और चंद ग्राम विस्फोटक से दुश्मन तबाह हो गया। पेजर बम। पेजर का इस्तेमाल नॉर्मली नहीं हो रहा है लेकिन आतंकी संगठन इसे काम में ले रहे हैं। यह वहां भी काम करता है जहां नेटवर्क न हो। इसी पेजर में PETN धमाका हुआ है।
PETN के जरिए हुए ऐसे हुए धमाके
दुनिया के सबसे खतरनाक प्लास्टिक बम में pentaerythritol tetranitrate यानी PETN का नाम आता है। यह इतना ऑर्गेनाइज्ड होता है कि सेंसर भी नहीं पकड़ पता है। अमोनियम नाइट्रेट और पोटेशियम नाइट्रेट के साथ किया गया केमिकल कंबीनेशन और भी खतरनाक बना देता है। मोसाद ने पेजर बैटरी के ऊपर PETN लगाया था। यह जैसे गर्म हुआ फट गया।
पुलवामा हमले में प्रयोग हुआ था RDX
RDX यानी रॉयल डिमोलिशन एक्सप्लोसिव। यह बहुत ही हाईग्रेड विस्फोटक है जिसका इस्तेमाल पुलवामा हमले में किया गया था। यह ऐसा विस्फोटक है जिससे किसी प्रकार की गंध नहीं आती है। यही वजह है आतंकी बहुत ज्यादा इसका इस्तेमाल करते हैं। इसे अमूमन इसे C4 प्लास्टिक एक्सप्लोसिव और सिमटैक्स में इस्तेमाल किया जाता है। पहली बार इसे द्वितीय विश्वयुद्ध में प्रयोग किया गया था। यह लोहा और कंक्रीट भी पिघला देता है। प्रभाव में यह PETN से ज्यादा खतरनाक है।