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Heatwaves: लू से मौत पर मिलता है कितना मुआवजा, जानिए क्या है हीटवेव अधिनियम 2015

Heatwaves In India: देशभर में हीटवेव (लू) का कहर जारी है। कहीं-कहीं तो पारा 50 के पार पहुंच गया है। वहीं देश में लू से मरने वालों की संख्या में भी आए दिन इजाफा हो रहा है। राजस्थान, दिल्ली, बिहार, उत्तर-प्रदेश MP सहित कई राज्यों में सूरज आग उगल रहा है।

नई दिल्लीMay 31, 2024 / 10:30 am

Akash Sharma

Heat Waves Bill 2024
Heatwaves In India: देशभर में हीटवेव (लू) का कहर जारी है। कहीं-कहीं तो पारा 50 के पार पहुंच गया है। वहीं देश में लू से मरने वालों की संख्या में भी आए दिन इजाफा हो रहा है। राजस्थान, दिल्ली, बिहार, उत्तर-प्रदेश MP सहित कई राज्यों में सूरज आग उगल रहा है। ऐसे में लू लगने से इन राज्यों में अब तक कई मौतें हो चुकी हैं। वहीं राजस्थान हाईकोर्ट ने लू और शीतलहर के कारण होने वाली मौतों पर गहरी चिंता जाहिर करते हुए ब्रह्माण्ड, पृथ्वी और जलवायु को बढ़ते खतरों के संदर्भ में स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लिया है। कोर्ट ने केन्द्र सरकार से लू व शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित करने के लिए कानून लाने और राज्य सरकार को लू से मरने वालों के आश्रितों को मुआवजा देने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि लू से बचाव व राहत के लिए तत्काल कदम उठाने और दोपहर 12 से 3 बजे तक मजदूरों से काम नहीं कराने के लिए तत्काल कदम उठाए जाएं।

दिल्ली LG ने किया ये ऐलान

गर्मी हो या सर्दी हर मौसम में मजदूरों को अपने परिवार के लिए काम करना पड़ता है। ऐसे में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने दिल्ली में पड़ भीषण गर्मी को देखते हुए लेबर एवं श्रमिकों को दोपहर 12 से 3 बजे तक छुट्टी देने आदेश दिया है। इसके साथ ही Construction sites पर श्रमिकों के लिये पर्याप्त मात्रा में पानी, नारियल पानी उपलब्ध कराने के निर्देश दिया है। इतनी भीषण गर्मी में भी “समर हीट एक्शन प्लान” के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल या उनके मंत्रियों द्वारा अभी तक कोई कदम न उठाये जाने के लिए एलजी ने आलोचना की है।
Heat Waves in india

लू को राष्ट्रीय आपदा घोषित करें- राजस्थान हाईकोर्ट


जस्टिस अनूप कुमार ढंड ने स्वप्रेरणा से प्रसंज्ञान लेकर गुरूवार को इस प्रकरण को जनहित याचिका के रूप में दर्ज करने का आदेश दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि लू और शीतलहर को राष्ट्रीय आपदा घोषित कर इनसे निपटने के लिए पहले से ही तैयारी रखी जाए। साथ ही, राज्य के मुख्य सचिव व केंद्रीय गृह व स्वास्थ्य मंत्रालय के अवर सचिवों को निर्देश दिए कि सभी संबंधित विभागों के अतिरिक्त मुख्य सचिव या प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति बनाकर लू से बचाव की कार्ययोजना व इससे जुड़ी बीमारियों से बचाव के लिए आवश्यक कदम उठाएं।

क्या है अधिनियम और कितना मिलता है मुआवजा

Heatwaves act: वर्ष 2015 में हीटवेव और ठंड से होने वाली मौतों को लेकर मोदी सरकार ने एक अधिनियम को पारित किया। इसे गर्मी और शीत लहर के कारण होने वाली मौतों की रोकथाम अधिनियम, 2015 कहा गया। लू से मौत होने पर मरने वाले व्यक्ति के परिवार को केंद्र द्वारा योगदान किए गए राज्य आपदा प्रतिक्रिया कोष (SDRF) या राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल से भी 1.5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि प्राप्त करने का भी अधिकार है।

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