हर घर तिरंगा अभियान से बढ़ी झंडों की डिमांड
इस अभियान के तहत प्रत्येक नागरिक को अपने घर पर तिरंगा फहराने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है। पिछले साल भी सरकार की ओर से हर घर तिरंगा अभियान चलाया गया था। कई दशकों से तिरंगा बनाने वाले अब्दुल बालिक ने बताया की हर घर तिरंगा अभियान की वजह से झंडे की डिमांड काफी बढ़ गई है। इसकी वजह से तीन शिफ्टों में काम कराना पड़ रहा है।
विदेश से झंडे की भी डिमांड
अब्दुल बालिक का कहना है कि इस बार कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक झंडों की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। इसके साथ ही विदेश से झंडे की भी डिमांड आ रही है। हर व्यक्ति में झंडा लगाने की चाह पैदा हुई है।
कारीगरों को तीन शिफ्ट में करना पड़ रहा काम
वहीं झंडा बनाने वाले कारीगरों का कहना है कि हर घर तिरंगा अभियान के बाद मांग बढ़ गई है। तिरंगे की मांग बढ़ने के कारण हमें तीन शिफ्ट में काम करना पड़ रहा है, इससे हमारी कमाई भी बढ़ी है।
लोगों में राष्ट्र के प्रति गर्व और सम्मान
देश के विभिन्न हिस्सों में तिरंगे की मांग तेजी से बढ़ी, जिससे बाजार में तिरंगे की बिक्री में अप्रत्याशित वृद्धि हुई। दुकानों, ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स, और स्थानीय बाजारों में तिरंगे की डिमांड को पूरा करने के लिए विक्रेताओं ने भी बड़े पैमाने पर तिरंगे उपलब्ध कराए। यह उछाल न केवल तिरंगे की बिक्री में वृद्धि को दर्शाता है, बल्कि यह भी दिखाता है कि लोग राष्ट्र के प्रति अपने गर्व और सम्मान को व्यक्त करने के लिए कितने उत्साहित हैं। ‘हर घर तिरंगा’ अभियान के तहत, इस बार स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगे की व्यापक उपस्थिति देखने को मिली, जिससे देशभक्ति की भावना और भी प्रबल हुई।