डोर टू डोर कूड़ा संग्रह
सखी मंडल (Sakhi Mandal) की महिलाएं स्वयं ही रिक्शा चला कर डोर टु डोर कूड़ा संग्रह करती हैं। वे एक दिन छोड़ कर हर घर पहुंचती हैं। हर घर से एकत्र किए गए सूखे कूड़े, गीले कूड़े, सेनेटरी तथा स्वास्थ्य के खतरनाक वेस्ट को रिक्शा के जरिए सेग्रीगेशन शेड तक पहुंचाती हैं। सेनेटरी कूड़े की निकासी के लिए उसे प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर पहुंचाया जाता है।300 किलोग्राम उर्वरक का उत्पादन
सेग्रीगेशन शेड में लाए गए गीले कूड़े को विभिन्न चरणों से प्रोसेस कर उर्वरक में रूपांतरित किया जाता है। तैयार जैविक ऊर्वरक को ये महिलाएं गांव के किसानों को बेचती हैं। इन महिलाओं ने अब तक 300 किलोग्राम उर्वरक का उत्पादन किया है। वे 70 रुपए प्रति किलो के दाम पर ये खाद किसानों को बेचती हैं। किसानों का कहना है कि इन महिलाओं की ओर से तैयार की गई वर्मी कम्पोस्ट खाद के उपयोग से उनकी जमीन की उत्पादकता में सुधार हुआ है। साथ ही उत्पादन में भी वृद्धि हुई है।ग्राम पंचायत का कबाड़ी वालों के साथ MOU
सूखे कचरे से रिसाइकल कर पुन: उपयोग में ली जा सकने वाली वस्तुओं का संग्रह किया जाता है। इन वस्तुओं को बेचने के लिए ग्राम पंचायत ने कबाड़ी वालों के साथ एमओयू किया है। सॉलिड वेस्ट से अलग की गई व पुन: उपयोग में ली जा सकने वाली वस्तुओं तथा कम्पोस्ट के माध्यम से तैयार हुए उर्वरक की बिक्री से ग्राम पंचायत के लिए नियमित आय के स्रोत का सृजन हुआ है। इन महिलाओं को रोजगार मिला है।यह भी पढ़ें – World’s Smallest Washing Machine: भारत के सेबिन साजी का वर्ल्ड रिकॉर्ड, 25 ग्राम की बनाई दुनिया की सबसे छोटी वाशिंग मशीन